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सुन्दर पृथ्वी को कैसे बचाएँ? - Oshi Singh

  सुन्दर पृथ्वी को कैसे बचाएँ?  Image courtesy www.bbc.com,used by Oshi Singh for representation only पृथ्वी हमारी नहीं हम पृथ्वी के हैं |  इसलिए मैंने ये पंक्तियां लिखीं, आशा है कि आप पसंद करेंगे और हमारे ग्रह पृथ्वी को बचाने की कोशिश करेंगे | कृपया इसके बारे में सोचें और जितना हो सके पानी, पौधों और जानवरों को बचाने की कोशिश करें| • स्वच्छ जीवन, साफ मन सुन्दर पृथ्वी , घने वन | • वृक्ष धरा के साधन है , इनको सदा बचाओ पानी सींचो , भोजन परसों , जीवन सुखी बनाओ | • सीमित साधन , जल संसाधन , जीवनदायी पानी | भूल गए जो बच्चों इसको, याद आएगी नानी | • पानी तेरे रूप अनेक बारिश, नदिया , सागर देख | • पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है , लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं |  • जल बचाऐं , वन बचाऐं और बचाएँ जंतु ,मानव जीवन इन पर निर्भर ,      ना कोई किंतु परन्तु |  • धरती बचेगी तो जीवन बचेगा ,और नादान इंसान नहीं तू बचेगा , अभी वक़्त हैं,अभी भी संभल जा ,नहीं तू बचा तो फिर क्या बचेगा | धन्यवाद! Oshi Singh VIII D Gyanshree School  Reference:  https://www.bbc.com

प्रकृति हमारी सबसे बड़ी गुरु - अनुशा जैन

 प्रकृति हमारी सबसे बड़ी गुरु है और हमें जीवन जीना का सलीका सिखाती है। ये है बंजर ज़िन्दगी तुम्हारी, जो है ज्ञान से खाली। ये पेड़ पौधे हैं मोती ज्ञान के, जो लाते जीवन में हरियाली। इस ज्ञान का उपयोग करो और परिश्रम करते जाओ  पर्वत जैसा ऊँचा बने जीवन, ऐसे कर्म तुम कर दिखाओ। अनुशा जैन कक्षा दसवीं एलकॉन पब्लिक स्कूल