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Friday, 29 August 2025

लक्ष्य - Mamta

बाल विकास के लिए लक्ष्य निर्धारण बहुत महत्वपूर्ण है। लक्ष्य निर्धारण से एक प्रमुख लाभ होता है कि यह बच्चों को उन चीजों पर ध्यान  केंद्रित करने में मदद करता है। जो वास्तव में महत्वपूर्ण है ,जो बच्चे स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्यों को प्राथमिकता देने और अपने समय का कुशलता पूर्वक प्रबंध करने में अधिक सक्षम होते हैं। यह ध्यान केवल प्रेरणा को बढ़ाता ही नहीं है ,बल्कि छात्रों को अपने शिक्षा की जिम्मेदारी के लिए प्रेरित करता है।

लक्ष्य निर्धारण और विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जीवन में कम उम्र से ही सीखने लायक एक आवश्यक कौशल है। लक्ष्य हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करता है। अगर हम सुनिर्धारित लक्ष्य की परिकल्पना को मानते हैं तो यह तर्कसंगत होगा कि हम अपने बच्चों को भी लक्ष्य निर्धारण के प्रति संवेदनशील बनाना चाहेंगे। लेकिन बच्चों को इस विचार को समझ पाना बहुत कठिन होता है। इसका एक तरीका है कि हम अपने बच्चों को कहानी सुनाएं  जिसमें यह सिद्ध किया गया हो कि कैसे असंभव कार्य को  संभव बनाया गया हो  कहानियों बच्चों के रुचि के अनुसार चुनना चाहिए।

जैसे एक छोटी सी चिड़िया की कहानी -

एक समय की बात है एक छोटी सी चिड़िया थी ।जिसका नाम था चंदा  उसका एक बड़ा सपना था। वह एक सुंदर और बड़ा घोंसला बनाना चाहती थी ।जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह सके। चंदा ने अपने सपने को पूरा करने के लिए योजना बनाई उसने हर दिन थोड़ी-थोड़ी लकड़िया इकट्ठा की और अपने घोसले को बनाने के लिए उपयोग किया। लेकिन चंदा के दोस्तों ने उसे नाकाम करने की कोशिश की उन्होंने कहा तुम इतनी छोटी हो इतना बड़ा घोंसला नहीं बना सकती लेकिन चंदा ने हार नहीं मानी उसने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी। उसने हर दिन थोड़ी-थोड़ी प्रगति की और अंत में उसका घोसला बनकर तैयार हो गया।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलती है कि हमें लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें अपने सपनों पर विश्वास करना चाहिए। और कड़ी मेहनत करना चाहिए चंदा ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाई और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।

निष्कर्ष 

लक्ष्य जीवन में सफलता प्राप्त करने की पहली सीढ़ी होता है। यदि हमारे पास स्वस्थ लक्ष्य नहीं है तो जीवन की दिशा भटक सकती है ।लक्ष्य हमें मेहनत करने के प्रेरणा देता है और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है ।यह हमारे समय ,ऊर्जा और प्रयास  को सही दिशा में लगता है ।लक्ष्य के बिना इंसान एक नाव की तरह होता है जो बिना पतवार के समुद्र में भटकती रहती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में छोटा या बड़ा कोई ना कोई लक्ष्य जरूर तय करना चाहिए और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

Ms Mamata
Sunbeam Gramin School

Friday, 22 August 2025

कृतज्ञता: जीवन और संबंधों को मजबूत बनाने की सकारात्मक भावना - Manjula Sagar


कृतज्ञता एक सकारात्मक भावना है, जिसमें व्यक्ति अपने जीवन में प्राप्त सहयोग, उपकार, अवसर या आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करता है। यह हमें संतोषी, विनम्र और दयालु बनाती है। कृतज्ञ व्यक्ति दूसरों के योगदान को स्वीकार करता है और छोटी-छोटी चीज़ों की भी कदर करता है। यह न केवल मानसिक शांति और खुशी देती है, बल्कि रिश्तों को मजबूत और जीवन को अर्थपूर्ण बनाती है।

1 . रोजर फेडरर अपने कोच, परिवार और प्रशंसकों के सहयोग के लिए हमेशा आभार जताते रहे। जीत हो या हार विनम्र बने रहे और विरोधियों का सम्मान किया। अपने देश स्विट्ज़रलैंड और बच्चों की शिक्षा के लिए चैरिटी कार्यों में कृतज्ञ भाव से योगदान दिया।

2-. नेलसन मंडेला 27 साल जेल में रहने के बाद भी बदले की बजाय क्षमा और आभार का मार्ग चुना। स्वतंत्रता और लोकतंत्र मिलने पर अपने साथियों और जनता का धन्यवाद किया। जीवनभर जाति, शांति और समानता के लिए संघर्ष करते हुए दूसरों के योगदान को सराहा। स्वतंत्रता संग्राम में साथ देने वाले साथियों और जनता के प्रति कृतज्ञ रहे। राष्ट्रपति बनने पर विरोधियों और समर्थकों – दोनों के योगदान को स्वीकार किया।

निष्कर्ष - हमें एक दूसरे के प्रति कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए और अपने कक्षा मे भी बच्चों को भी एक दूसरे के लिए कृतज्ञता एवं आभार व्यक्त करने के लिए सिखाना चाहिए।

Manjula Sagar
Sunbeam Gramin School

कृतज्ञता: जीवन को सुंदर और समाज को सशक्त बनाने का अमूल्य गुण- साक्षी पाल


पाठ "कृतज्ञता" हमें यह सिखाता है कि जीवन केवल अधिकार लेने का नाम नहीं है, बल्कि दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हम अकेले कुछ नहीं कर सकते। हमारे माता-पिता हमें जीवन और संस्कार देते हैं, हमारे शिक्षक हमें ज्ञान का प्रकाश देते हैं, मित्र कठिन समय में हमारा साथ देते हैं, और प्रकृति हमें भोजन, जल, वायु तथा हर आवश्यक संसाधन प्रदान करती है।

कृतज्ञता का अर्थ इन सबकी महत्ता को समझना और उनके प्रति धन्यवाद का भाव प्रकट करना है। जब हम आभार व्यक्त करते हैं, तो हमारे भीतर विनम्रता, सहानुभूति और प्रेम का विकास होता है। यह गुण हमें न केवल एक अच्छा इंसान बनाता है, बल्कि समाज में सकारात्मकता और सहयोग की भावना भी फैलाता है।

कृतज्ञता हमें यह भी सिखाती है कि हमें छोटी-छोटी चीज़ों की भी कद्र करनी चाहिए। जीवन में हर अनुभव, हर अवसर और हर मदद हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है। आभारी व्यक्ति कभी दुःखी नहीं होता, क्योंकि वह हर परिस्थिति में ईश्वर और जीवन का धन्यवाद करना जानता है। आज के भौतिकवादी युग में लोग केवल पाने की सोचते हैं, लेकिन कृतज्ञता हमें यह याद दिलाती है कि "देने वाले का सम्मान और धन्यवाद करना ही सबसे बड़ा संस्कार है।"

कृतज्ञता का भाव केवल रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र के प्रति भी होना चाहिए। हमें उन किसानों का आभार मानना चाहिए जो हमारे लिए अन्न उगाते हैं, उन सैनिकों का धन्यवाद करना चाहिए जो हमारी रक्षा करते हैं, और उन डॉक्टरों का सम्मान करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। यदि हम इन सभी के योगदान को समझें और उनके प्रति आभारी रहें, तो हमारा जीवन अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील बन जाएगा।

कृतज्ञता हमें अहंकार से दूर ले जाकर विनम्रता की ओर ले जाती है। यह हमें सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी उपलब्धि क्यों न मिले, उसके पीछे कई अनदेखे हाथों का योगदान होता है। इसलिए आभारी होना ही सच्ची इंसानियत है।

"आभार वह दीपक है, जो अंधकार में भी जीवन को रोशन कर देता है।"

— साक्षी पाल, Arthur Foot Academy

कृतज्ञता: जीवन का अनमोल गुण - सिमरन कौर


कृतज्ञता पाठ से मैंने सीखा है कि कृतज्ञता वह गुण है जो हर व्यक्ति में होना चाहिए। कृतज्ञता जीवन की एक ऐसी शैली है जो जीवन के सारे प्रतिबंध खोल देती है। कृतज्ञता से हमारे जीवन में अनेक प्रकार के बदलाव आते हैं। अगर हम किसी इंसान की मदद करते हैं और वह व्यक्ति हमें “Thank you” बोलता है, तब हमें कितना अच्छा महसूस होता है। हमारा दिल खुश हो जाता है और हम उस व्यक्ति को सम्मान की नजरों से देखने लगते हैं। उसके प्रति हमारे मन में प्रेम और सम्मान की भावना बढ़ती है।

जब ऐसा करने पर हमें खुद को खुशी मिलती है, तो क्यों न हम दूसरों की खुशी के लिए आभार व्यक्त करें। ऐसा करने से एकता और समानता, प्रेम बढ़ता है।

कृतज्ञता वह पूंजी है जो हर व्यक्ति में होती है। परंतु कभी-कभी इंसान अपने अहंकार (ego) के कारण सामने वाले व्यक्ति को उसकी मदद के लिए आभार व्यक्त नहीं करता। यह गलत है। जैसे हमें खुशी मिलती है, वैसे ही हमें दूसरों के लिए भी और अपनों को खुश रखने के लिए कृतज्ञता का पालन करना चाहिए।

- सिमरन कौर, Arthur Foot Academy

कृतज्ञता: जीवन का सच्चा आभूषण - Lalita Pal

 "कृतज्ञता जीवन की पूर्णता के सारे प्रतिबंध खोल देती है। यह हमारे पास जो कुछ भी है, उसे पर्याप्त में बदल देती है। यह अस्वीकृति को स्वीकृति में, अव्यवस्था को व्यवस्था में और अस्पष्टता को स्पष्टता में बदल देती है। यह एक साधारण से भोजन को भोज में, एक मकान को घर में और अजनबी को मित्र में बदल सकती है।"

कृतज्ञता जीवन का वह भाव है जो इंसान को विनम्र, सरल और संतोषी बनाता है। जब हम अपने जीवन में मिलने वाली हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए धन्यवाद करते हैं, तो जीवन और भी सुंदर लगने लगता है। कृतज्ञता केवल शब्द नहीं है बल्कि यह हमारे भीतर की एक सकारात्मक सोच है। यह हमें हर स्थिति में खुश रहना सिखाती है और हमारे दिल में प्रेम और शांति का संचार करती है।

हमारे जीवन में सबसे पहले कृतज्ञता माता-पिता के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने हमें जन्म दिया, पाला-पोसा और त्याग व परिश्रम से हमारे जीवन को संवारने का प्रयास किया। अगर हम उनका आभार नहीं मानेंगे तो जीवन कभी पूर्ण नहीं होगा। उसी तरह हमारे शिक्षक भी हमारे प्रति अपार योगदान रखते हैं। वे हमें ज्ञान और शिक्षा देकर अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उनके प्रति आभार व्यक्त करना हमारी जिम्मेदारी है।

कृतज्ञता केवल इंसान के लिए नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति भी होनी चाहिए। यह धरती हमें भोजन देती है, आकाश हमें वायु देता है, नदियाँ हमें जल देती हैं और पेड़ हमें जीवन देते हैं। यदि हम इनके प्रति आभार नहीं मानते तो हम बहुत स्वार्थी कहलाएँगे। तभी हमारे भीतर उनका संरक्षण करने की भावना जागती है।

"चलो उठो और कृतज्ञ बनें, क्योंकि अगर उसने हमें बहुत ज्यादा नहीं भी सिखाया, तो कम से कम थोड़ा तो सिखाया ही है। और अगर उसने थोड़ा भी नहीं सिखाया, तो कम से कम हम बीमार तो नहीं पड़े। और अगर बीमार भी पड़े, तो कम से कम मरे तो नहीं। इसलिए, हमें कृतज्ञ होना चाहिए।"

- Lalita Pal, Arthur Foot Academy

Saturday, 9 August 2025

जीवन का गुलदस्ता: विविधता में एकता - Lalita pal

 
"Each flower has colour, a tale of its own — together they make life beautifully grown."🪷💐

जीवन एक गुलदस्ते की तरह है जिसमें हर अनुभव, हर व्यक्ति, हर स्थान एक अलग रंग और खुशबू लिए हुए होता है। जैसे गुलदस्ते में अनेक प्रकार के फूल जुड़ने के बाद एक सुंदर सा गुलदस्ता तैयार हो जाता है, उसी प्रकार जीवन में विविधता के बिना भी जीवन फीका लगता है। गुरु नानक जी की यात्राएं भी उसी गुलदस्ते का प्रतीक हैं, जहां उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों, विचारों और स्थानों से जुड़कर एक सुंदर संदेश फैलाया — एकता, प्रेम और सच्चाई का प्रतीक।

भले ही हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो, लेकिन जब-जब साथ आते हैं, अनुपम सौंदर्य बनता है। गुरु नानक जी के विचारों से हमें सीखने को मिलता है कि धर्म वह है जो इंसान को इंसान से जोड़े, न कि तोड़े। गुरु नानक जी ने यही जीवन दर्शन हर स्थान पर फैलाया — एकता, सत्य और प्रेम का संदेश। बड़े काम करने के लिए उम्र नहीं, सोच बड़ी होनी चाहिए। उनका जीवन एक आदर्श है, जो दिखाता है कि सच्ची सेवा और भक्ति से जीवन को महान बनाया जा सकता है।

हर फूल अलग होता है — उसकी खुशबू, उसकी बनावट, उसका रंग — फिर भी जब सब मिलकर एक गुलदस्ता बनाते हैं तो वे अपनी विभिन्नता में भी एक सुंदर संगीत गढ़ते हैं। इसी तरह, जीवन में हर रिश्ता, हर अनुभव हमें कुछ नया सिखाता है, और सारी बातों को मिलाकर बनता है हमारा जीवन। गुलदस्ते में हर फूल की अहमियत होती है; कोई भी यह नहीं कहता कि वह बड़ा है या फीका है — सब एक साथ मिलकर सुंदरता लाते हैं। हमें भी यही सीखना है कि हर व्यक्ति, हर भावना, हर परिस्थिति अपनी जगह पर अपना एक अलग ही मूल्य रखती है।

"The bouquet shows strength in unity — every flower adds grace and purity."💐🪷

Lalita Pal
Arthur Foot Academy

Monday, 30 June 2025

असफलता से निराश नहीं होना चाहिए - रुबल कौर

 

हमारे जीवन में कितनी भी मुश्किलें हों, लेकिन हमें हमेशा एक नई शुरुआत करनी चाहिए। इसलिए कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।
निराश नहीं होने का अर्थ है कि यह हमें यह बताता है कि हमें मुश्किल समय में भी हिम्मत रखनी चाहिए और कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। यह हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहिए।

असफलता से निराश नहीं होना चाहिए:
सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं। असफलता हमें अपनी कमजोरियों को समझने और उन्हें सुधारने का अवसर देती है, ताकि हम भविष्य में सफल हो सकें। जब हमें जीवन में असफलता मिलती है, तो हमें निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि, उस कार्य को फिर से करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हम बार-बार प्रयास करेंगे, तो हमें सफलता भी प्राप्त हो जाएगी। हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए कि चीजें बेहतर हो सकती हैं। अगर हम अपने आप पर विश्वास रखेंगे, तो हमें सफलता भी मिल जाएगी। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और तपस्या करनी पड़ती है, और हमे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हमें अपने जीवन में निरंतर प्रयास करने चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, भले ही रास्ते में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं। हमें ईमानदारी और सच्चाई से अपना कार्य करना चाहिए।
We should not be disappointed; we must not lose hope.

रुबल कौर

जीवन में निराशा नहीं - सिमरन कौर

 

मैंने इस पाठ से यह सीखा है कि जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। चाहे जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों न आ जाए। जीवन एक ऐसी प्रक्रिया है, जो निरंतर चलती रहती है, तो आशा और निराशा भी कहां से जीवन में प्रवेश करेंगी। मनुष्य का जीवन है, तो सब कुछ है, क्योंकि आशा और निराशा भी जीवन से ही जुड़ी हैं। जैसे अपना काम कुछ भी हो, हमें खुद से आशा और उम्मीद है कि हम इस काम को कर सकते हैं। लेकिन आशा या उम्मीद ही रखने से कुछ नहीं होता, किसी काम को करने का जज्बा भी होना चाहिए। अगर वह काम नहीं हुआ, जिसे हम करना चाहते हैं, तो हमारा मन उदास हो जाता है। हम यह सोचते हैं कि हमने इस काम से उम्मीद और आशा रखी थी कि हम इस काम को करने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर वह काम कोशिश करने के बाद भी न हो, तो ऐसा महसूस होता है कि हमने अपने जीवन में इतनी कोशिश करने के बाद भी कुछ पाया नहीं है। और ऐसा महसूस होता है जैसे हम असफल हो गए हैं। ऐसा सोचकर मन उदास हो जाता है। लेकिन जीवन में धैर्य रखना चाहिए कि जब अपना काम करने में हमने कोई कोशिश छोड़ी नहीं है, तो फिर मन उदास नहीं करना चाहिए। यह सोचना चाहिए कि जब हमने किसी काम को करने में पूरी कोशिश की है, तो उस काम से हमें असफलता भी जरूर मिलेगी। अगर मन उदास हो, तो अपने आप से यह उम्मीद रखनी चाहिए कि अगर आज हमने किसी काम को करने में मेहनत की है, तो हमें अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। अपने अंदर हिम्मत रखनी चाहिए और अपने मन को उदास नहीं करना चाहिए। निराश नहीं होना चाहिए।
सिमरन कौर

Friday, 23 September 2022

सुन्दर पृथ्वी को कैसे बचाएँ? - Oshi Singh

 सुन्दर पृथ्वी को कैसे बचाएँ? 

Image courtesy www.bbc.com,used by Oshi Singh for representation only

पृथ्वी हमारी नहीं हम पृथ्वी के हैं | इसलिए मैंने ये पंक्तियां लिखीं, आशा है कि आप पसंद करेंगे और हमारे ग्रह पृथ्वी को बचाने की कोशिश करेंगे | कृपया इसके बारे में सोचें और जितना हो सके पानी, पौधों और जानवरों को बचाने की कोशिश करें|

स्वच्छ जीवन, साफ मन सुन्दर पृथ्वी , घने वन |

• वृक्ष धरा के साधन है , इनको सदा बचाओ पानी सींचो , भोजन परसों , जीवन सुखी बनाओ |

• सीमित साधन , जल संसाधन , जीवनदायी पानी | भूल गए जो बच्चों इसको, याद आएगी नानी |

पानी तेरे रूप अनेक बारिश, नदिया , सागर देख |

• पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है , लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं |

 • जल बचाऐं , वन बचाऐं और बचाएँ जंतु ,मानव जीवन इन पर निर्भर ,    
 ना कोई किंतु परन्तु |

 • धरती बचेगी तो जीवन बचेगा ,और नादान इंसान नहीं तू बचेगा ,अभी वक़्त हैं,अभी भी संभल जा ,नहीं तू बचा तो फिर क्या बचेगा |

धन्यवाद!

Oshi Singh
VIII D
Gyanshree School 
Reference: 
https://www.bbc.com/mundo/noticias-46686535

Saturday, 30 July 2022

प्रकृति हमारी सबसे बड़ी गुरु - अनुशा जैन

 प्रकृति हमारी सबसे बड़ी गुरु है और हमें जीवन जीना का सलीका सिखाती है।

ये है बंजर ज़िन्दगी तुम्हारी, जो है ज्ञान से खाली।
ये पेड़ पौधे हैं मोती ज्ञान के, जो लाते जीवन में हरियाली।
इस ज्ञान का उपयोग करो और परिश्रम करते जाओ 
पर्वत जैसा ऊँचा बने जीवन, ऐसे कर्म तुम कर दिखाओ।
अनुशा जैन
कक्षा दसवीं
एलकॉन पब्लिक स्कूल 

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