
"इसलिए निराश होने के बजाय खुद को और बेहतर बनाने का संकल्प लें। जीवन के हर मोड़ पर सीखें, आगे बढ़ें, कभी हार न मानें।"
कभी-कभी हम ज़िंदगी से इतने हार जाते हैं कि लगता है अब कुछ खत्म हो गया और जैसे ज़िंदगी थम सी गई हो। फिर वही कहावत याद आ जाती है, "अंधेरी रात के बाद सुबह, और दुःख के बाद सुख जरूर आता है।" लेकिन इसके लिए हमें अपने अंदर एक आशा की किरण को जगाए रखना पड़ता है और हिम्मत नहीं हारनी होती है। फिर तो मुश्किलें जरूर होती हैं, लेकिन नामुमकिन कुछ भी नहीं है।
"Good times come to those who work even in bad times." 🙂
ललिता पाल