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Saturday, 12 July 2025

संकल्प का असली अर्थ: शुरुआत से निभाने तक की यात्रा – Lalita Pal

"This life is one, and time is also limited, so live for yourself rather than waste it on others." 😊

हर नया संकल्प एक बीज की तरह होता है, जिसे यदि सही वातावरण, नियमित देखभाल और समय मिले, तो वह वटवृक्ष बन सकता है। लेकिन क्या हम उस बीज को समय पर पानी देते हैं?
क्या हम उसे सूरज की रोशनी में ले जाते हैं? या हम सिर्फ संकल्प करके उसे भूल जाते हैं?

"Everything is easy when you are busy, but nothing is easy when you are lazy." 😊

संकल्प लेना आसान है—"मैं रोज ध्यान करूंगी"—पर क्या हमने कभी पीछे मुड़कर देखा कि हमने कितनी बार अपने ही संकल्पों से मुंह मोड़ा? संकल्प लेना आसान था—कुछ शब्द, एक भावना और मन में एक तस्वीर।
लेकिन उसे निभाना कठिन था। वो सुबह जल्दी उठना, बार-बार मन को समझाना, पुरानी आदतों से लड़ना—यही असली तप था। अब जब पीछे मुड़कर देखती हूं, तो सोचती हूं: क्या मेरा संकल्प सिर्फ एक प्रेरणा थी, या वो सच में मेरी आत्मा की पुकार थी? शुरुआत में जो जोश था, वो धीरे-धीरे थम गया—शायद इसलिए क्योंकि मैंने संकल्प लिया था, पर उसकी जिम्मेदारी को पूरी तरह अपनाया नहीं था। या शायद इसलिए कि मैं बैठी थी ये सोचने कि मैं सच में क्यों बदलना चाहती हूं?

कभी-कभी लगता है कि संकल्प लेना तो आसान है—बस कुछ अच्छा सोचो, कुछ प्रेरक लाइनें पढ़ो और खुद से वादा कर लो। पर असली चुनौती है हर दिन उस वादे को निभाना। जब मन कहता है, "छोड़ न, कल से फिर कर लेंगे," तब खुद को पकड़ कर खड़ा करना ही असली संकल्प है। मैंने कई बार संकल्प लिए—कभी उत्साह में, कभी भावनाओं में बहकर, कभी दूसरों को देखकर और कभी खुद को सच्चे मन से बदलने की चाह में।

"Remember, nothing is impossible for you.
You can do what you never thought." 🙂

– Lalita Pal

Monday, 30 June 2025

Failure is not the end, it's a new beginning - Sakshi Pal

 

'Failure is not the end, it's a new beginning.'

जीवन एक संघर्ष है, और इस संघर्ष में हर किसी को किसी न किसी मोड़ पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार हम पूरी मेहनत और लगन से कुछ पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी हमें वैसी सफलता नहीं मिलती जैसी हम उम्मीद करते हैं। ऐसे समय में मन में निराशा आना स्वाभाविक है। हम सोचने लगते हैं — "Why is this happening to me?" या "I did everything, still I failed." पर इस विषय ने मुझे सिखाया कि असफलता जीवन का अंत नहीं है। Failure is not the opposite of success, it is a part of success. हर बार गिरने का मतलब यह नहीं है कि हम हार गए, बल्कि यह दर्शाता है कि हमने कोशिश की। और कोशिश करने वाले कभी हारते नहीं। जब हम निराश होते हैं, तो हमारी आत्म-शक्ति कम होने लगती है। लेकिन अगर हम believe in ourselves और keep trying without giving up, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान बन सकता है। मुझे यह समझ में आया कि असफलताएं हमें नया अनुभव देती हैं, और अनुभव से ही हम मज़बूत बनते हैं। अब जब भी मैं किसी परेशानी या हार का सामना करती हूं, तो मैं खुद से कहती हूं — "It's okay to fall, but not okay to quit."

"Try again, you are stronger than you think." यह विषय मेरे लिए सिर्फ एक प्रेरणात्मक विचार नहीं है, बल्कि यह अब मेरी सोच का हिस्सा बन चुका है। इससे मुझे यह समझ में आया कि जीवन में जीतने से ज्यादा ज़रूरी है — never to stop trying. क्योंकि अंत में जीत उसी की होती है जो आखिरी कोशिश तक डटा रहता है। इसलिए अब मैं जीवन की हर चुनौती को एक अवसर की तरह देखती हूं, और हमेशा खुद को यही याद दिलाती हूं — "Never be discouraged, because every fall teaches you how to rise."

Sakshi Pal

जीवन में निराशा नहीं - सिमरन कौर

 

मैंने इस पाठ से यह सीखा है कि जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। चाहे जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों न आ जाए। जीवन एक ऐसी प्रक्रिया है, जो निरंतर चलती रहती है, तो आशा और निराशा भी कहां से जीवन में प्रवेश करेंगी। मनुष्य का जीवन है, तो सब कुछ है, क्योंकि आशा और निराशा भी जीवन से ही जुड़ी हैं। जैसे अपना काम कुछ भी हो, हमें खुद से आशा और उम्मीद है कि हम इस काम को कर सकते हैं। लेकिन आशा या उम्मीद ही रखने से कुछ नहीं होता, किसी काम को करने का जज्बा भी होना चाहिए। अगर वह काम नहीं हुआ, जिसे हम करना चाहते हैं, तो हमारा मन उदास हो जाता है। हम यह सोचते हैं कि हमने इस काम से उम्मीद और आशा रखी थी कि हम इस काम को करने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर वह काम कोशिश करने के बाद भी न हो, तो ऐसा महसूस होता है कि हमने अपने जीवन में इतनी कोशिश करने के बाद भी कुछ पाया नहीं है। और ऐसा महसूस होता है जैसे हम असफल हो गए हैं। ऐसा सोचकर मन उदास हो जाता है। लेकिन जीवन में धैर्य रखना चाहिए कि जब अपना काम करने में हमने कोई कोशिश छोड़ी नहीं है, तो फिर मन उदास नहीं करना चाहिए। यह सोचना चाहिए कि जब हमने किसी काम को करने में पूरी कोशिश की है, तो उस काम से हमें असफलता भी जरूर मिलेगी। अगर मन उदास हो, तो अपने आप से यह उम्मीद रखनी चाहिए कि अगर आज हमने किसी काम को करने में मेहनत की है, तो हमें अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। अपने अंदर हिम्मत रखनी चाहिए और अपने मन को उदास नहीं करना चाहिए। निराश नहीं होना चाहिए।
सिमरन कौर

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