"नाम जपो, सेवा करो, मानवता की राह पर चलो"
Episode 19 को देखकर मुझे यह महसूस हुआ कि गुरु नानक देव जी सिर्फ एक धार्मिक गुरु नहीं थे, बल्कि वे मानवता, एकता और सच्चाई के प्रतीक थे। उन्होंने अपनी यात्राओं के माध्यम से न सिर्फ़ लोगों को ईश्वर के बारे में बताया, बल्कि समाज में फैले भेदभाव, अंधविश्वास और झूठे रिवाजों को भी चुनौती दी। इस एपिसोड में दिखाए गए ऐतिहासिक स्थल, जो आज पाकिस्तान में स्थित हैं, यह दर्शाते हैं कि भले ही समय बदल गया है, पर गुरु जी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
"ना कोई हिन्दू, ना कोई मुस्लिम" — इस विचार के द्वारा उन्होंने धर्मों के बीच की दीवारें तोड़ी और इंसानियत को सबसे ऊपर रखा।
यह एपिसोड हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा धर्म वही है, जो प्रेम, सेवा और सच्चाई पर आधारित हो। गुरु जी ने सिखाया कि "ईश्वर मंदिर या मस्जिद में नहीं, बल्कि हर जीव में है।" आज की दुनिया में, जहाँ धर्म के नाम पर मतभेद और संघर्ष देखने को मिलते हैं, वहाँ गुरु नानक देव जी का Universal संदेश एक प्रकाशपुंज की तरह है।यह एपिसोड केवल इतिहास नहीं दिखाता, बल्कि आत्मा को भी छूता है। यह मात्र एक दृश्य यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा थी।
"वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह!"
"जहां एक ओंकार की गूंज हो, वहां नफ़रत की कोई जगह नहीं होती!"
– साक्षी पाल