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Friday, 13 June 2025

मुस्कान बाँटने का सुख: खुशियाँ देना ही सच्ची खुशी है - Swati

 

दूसरों को खुशियाँ देना एक बहुत ही beautiful feeling होती है। जब हम किसी और को smile देते हैं, मदद करते हैं, या उनके दुःख में साथ देते हैं — उन्हें ही खुशी नहीं होती, बल्कि हम खुद भी अंदर से happy महसूस करते हैं।

हमारी छोटी-छोटी बातें, जैसे किसी की तारीफ़ करना, किसी का सहारा बनना, या सिर्फ़ किसी की बातों को ध्यान से सुनना — ऐसा करने से भी दूसरे इंसान को खुशी मिलती है। ऐसा करने से हम किसी का दिन bright बना सकते हैं। ऐसे society में positive energy फैलती है और हम सब का जीवन और बेहतर बनता है। दूसरों को खुश करने के लिए बहुत बड़ी चीज़ों की ज़रूरत नहीं होती। एक thank you, एक प्यारी सी smile या एक helping hand भी मायने रखता है। इस पाठ से सीख मिलती है कि —

  • सच्ची खुशी बाँटने में है। जो हम दूसरों को देंगे, वही हमें वापस मिलेगा। और इस दुनिया को अच्छा बनाने का सबसे आसान तरीका है — किसी के face पर एक छोटी सी smile ले आना।

जब हम दूसरों को खुश करते हैं, तो असल में हम अपने मन को भी peaceful और joyful बनाते हैं। इसलिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हम दूसरों की मदद करें, प्यार दें, और positive सोच फैलाएँ। यही एक अच्छा समाज और अच्छा इंसान बनाता है।

"The biggest service is bringing a smile to someone's face." 😊

Swati

Monday, 21 June 2021

कोरोना काल में सेवा - भावेश चौधरी

कोरोना काल में सेवा
मेरा नाम भावेश चौधरी है। 21 मार्च 2020 सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन हो चुका था। धीरे - धीरे कोरोनावायरस देश दुनिया में अपने पैर पसार चुका था।स्काउट गाइड में होने के नाते मैंने अपने गांव में दो महीने ड्यूटी की। सब के घर घर जाकर पैसे इकट्ठे किए और उन पैसों से कपड़े के मास्क बनाए। फिर हमने 5500 मास्क बनाए और घर - घर जाकर मास्क वितरित किए। साथ ही सबको कहा कि जब भी आप घर से बाहर निकलेंगे तो मास्क पहनकर निकलेंगे। हमने कुत्तों के लिए बिस्किट और गायों के लिए चारा की व्यवस्था की। उसके बाद मैंने बैंक में भी ड्यूटी की थी। बैंक में 2 मीटर की दूरी बनवाना, एक-एक करके अंदर जाने देना आदि निर्देश देते थे। हम सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक ड्यूटी करते थे। मैंने लुणावा ग्राम पंचायत में भी ड्यूटी की और वहां पर भी हमने कोरोना के गाइडलाइन का पालन करवाया। हमने हमारे गांव में सैनिटाइजर का उपयोग करना बताया।

लुणावा में कांटेश्वर महादेव मंदिर के पास एक घर था, वहां पर एक व्यक्ति पॉजिटिव आया था। उनके घर वालों को हमने खाने का सामान, पानी का टैंकर आदि की व्यवस्था करवाई थी। उसके बाद हमने बाली में ' नो मास्क नो एंट्री' की रैली में भाग लिया और सब दुकानों पर कोरोना जागरूकता के पोस्टर लगाए जिससे लोग जागरूक हो सके। हमने आलू और पूरी भोजन की व्यवस्था करवाई और पैकेट बंद करके गरीबों तक पहुंचाया और इस तरह से हमने इस मुश्किल घड़ी में जरूरतमंदों की सेवा की।

Bhavesh Sirvi
Class - X
The Fabindia School

Reflections Since 2021