
ज़िंदगी में हर किसी को कभी न कभी मुश्किलें और असफलताएँ झेलनी पड़ती हैं। ये हालात हमें तोड़ने नहीं, बल्कि मजबूत बनाने के लिए आते हैं। जब हम निराश होते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता, लेकिन सच तो ये है कि हर अंधेरी रात के बाद ही उजाला होता है। निराशा एक ऐसी स्थिति है, जहां इंसान अपनी उम्मीदें छोड़ देता है। लेकिन जो व्यक्ति इस निराशा के अंधेरे में भी एक छोटी सी आशा की किरण ढूंढ लेता है, वही आगे चलकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच पाता है। हमें यह समझना चाहिए कि हर असफलता कुछ सिखाकर जाती है। जहां लोग हार मान लेते हैं, वहीं अगर हम थोड़ा और प्रयास करें, खुद पर भरोसा रखें और ईश्वर पर आस्था रखें, तो रास्ता जरूर निकलता है।
"इसलिए निराश होने के बजाय खुद को और बेहतर बनाने का संकल्प लें। जीवन के हर मोड़ पर सीखें, आगे बढ़ें, कभी हार न मानें।"
कभी-कभी हम ज़िंदगी से इतने हार जाते हैं कि लगता है अब कुछ खत्म हो गया और जैसे ज़िंदगी थम सी गई हो। फिर वही कहावत याद आ जाती है, "अंधेरी रात के बाद सुबह, और दुःख के बाद सुख जरूर आता है।" लेकिन इसके लिए हमें अपने अंदर एक आशा की किरण को जगाए रखना पड़ता है और हिम्मत नहीं हारनी होती है। फिर तो मुश्किलें जरूर होती हैं, लेकिन नामुमकिन कुछ भी नहीं है।
"Good times come to those who work even in bad times." 🙂
ललिता पाल
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