जब हम अपनी खुशी दूसरों के साथ बांटते हैं, तो वो खुशी और भी बढ़ जाती है। किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना, किसी का मन हल्का करना, उनके दिन को बेहतर बना देना — यही एक सच्ची खुशी है। खुशी बांटने का मतलब सिर्फ देना नहीं होता, बल्कि एक ऐसा रिश्ता बनाना होता है जहां दिलों का जुड़ाव हो और सबके जीवन में रौशनी फैले। असल में, जब हम किसी और को खुश करते हैं, तो अंदर से हम खुद भी खुश हो जाते हैं। इंसानियत की सबसे सुंदर भावनाओं में से एक है यह — जब हम अपनी छोटी-छोटी खुशियों को दूसरों के साथ बांटते हैं, जैसे किसी के काम की तारीफ करना, किसी उदास इंसान के चेहरे पर मुस्कान लाना — तो वो खुशी केवल एक पल की नहीं रहती, वो एक याद बन जाती है।
खुशी बांटना मतलब है किसी को यह अहसास दिलाना कि वो अकेला नहीं है। जब हम किसी को गले लगाते हैं, उसका हालचाल पूछते हैं, या उसकी परेशानी में साथ खड़े होते हैं — तो हमारी छोटी सी कोशिश किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। सच तो यह है कि खुशी वो चीज है जो बांटने से घटती नहीं, बल्कि बढ़ती है — जैसे "जब दीया दूसरों को रोशनी देता है, तो अंधकार खुद-ब-खुद दूर हो जाता है।"
– Sukhvinder Kaur
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