गुरु नानक देव जी और उनके बचपन के दोस्त भाई मरदाना जी। भाई मरदाना, जो गुरु नानक के बचपन के मित्र और पहले शिष्यों में से एक थे। भाई मरदाना सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के पहले अनुयायी और जीवनभर के साथी थे। वे जन्म से मुस्लिम थे और संगीत के बहुत अच्छे जानकार थे। गुरु नानक देव जी के साथ उनकी लंबी यात्राओं में वे रबाब बजाकर गुरबानी (पवित्र भजन) गाते थे, जिससे उनके आध्यात्मिक संदेशों का प्रसार होता था। उन्हें रबाबी परंपरा का संस्थापक भी माना जाता है।
भाई मरदाना और गुरु नानक देव जी ने मक्का, मदीना, बगदाद, कराची, तिब्बत, कश्मीर, बंगाल, मणिपुर, श्रीलंका और दक्षिण भारत सहित कई देशों और उपमहाद्वीपों की आध्यात्मिक यात्राएँ कीं, जिन्हें 'उदासियाँ' कहा जाता है। इन यात्राओं में भाई मरदाना रबाब बजाते थे और गुरु नानक देव जी के साथ रहते थे।
नाम – शुभम पटेल
गुरु नानक देव जी को अखण्डता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज में एकता और समानता का संदेश फैलाया। आइए उनके कुछ प्रमुख योगदानों पर नज़र डालें:
एक ओंकार का संदेश: गुरु नानक देव जी ने "एक ओंकार" के माध्यम से यह संदेश दिया कि परमात्मा एक है और सभी मनुष्य उसके अंश हैं। इससे धार्मिक और सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर लोगों में भाईचारा बढ़ा।
जाति-पाति और पाखंड का विरोध: गुरु नानक देव जी ने जाति-पाति और पाखंड का विरोध किया और सभी मनुष्यों की समानता पर जोर दिया।
लंगर के माध्यम से एकता: लंगर के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने सभी को एक साथ भोजन करने के लिए प्रेरित किया, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिला।
निस्वार्थ सेवा और करुणा: गुरु नानक देव जी ने निस्वार्थ सेवा और करुणा का उपदेश दिया, जिससे समाज में एकता और सौहार्द बढ़ा।
उनके इन उपदेशों से समाज को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिली।
Name – Seema
Class – 8