Showing posts with label भाईचारा. Show all posts
Showing posts with label भाईचारा. Show all posts

Wednesday, 17 September 2025

गुरु नानक देव जी की यात्राएँ – सत्य, समानता और मानवता का संदेश- Lalita Pal

इस एपिसोड से यह समझ में आता है कि गुरु नानक जी ने कभी भी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उन्होंने हमेशा लोगों को अच्छे कर्म करने और सभी के साथ प्रेम व भाईचारे से रहने की शिक्षा दी। उनकी यात्राएँ केवल साधारण यात्राएँ नहीं थीं, बल्कि वे लोगों तक ज्ञान और सत्य का प्रकाश पहुँचाने का एक माध्यम थीं।

कार्यक्रम देखने के बाद यह अनुभव हुआ कि हमें भी अपने जीवन में गुरु नानक जी की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए, जैसे—

  • हमेशा सच बोलना

  • सबके साथ बराबरी का व्यवहार करना

  • ज़रूरतमंद की मदद करना

  • अपने मन को स्वच्छ और शांत रखना

गुरु नानक जी का संदेश आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उस समय था। यह कार्यक्रम न सिर्फ़ जीवन के बारे में जानकारी देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि हम किस तरह अपने जीवन को सरल, सच्चा और दूसरों के लिए उपयोगी बना सकते हैं।

कुल मिलाकर, यह एपिसोड मन को छू लेने वाला रहा। इससे हमें प्रेरणा मिलती है कि हम भी अपने जीवन को मानवता, समानता और सेवा की राह पर चलकर सार्थक बना सकें।

 Lalita Pal
Arthur Foot Academy

Allegory - The Tapestry of Guru Nanak’s Travels - Reena Devi

Allegory - The Tapestry of Guru Nanak’s Travels एक महत्वपूर्ण प्रेरणादायक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गुरु नानक देव जी की यात्राओं और उनके संदेशों को गहराई से समझना है। यह कहानी हमें उनके मूल्यों और शिक्षाओं से जोड़ती है।

इस एपिसोड में मैंने सीखा कि कैसे गुरु नानक देव जी ने पूरी दुनिया को समानता, भाईचारे, ईमानदारी और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उनकी यात्राएँ केवल धार्मिक नहीं थीं, बल्कि सामाजिक सुधार और मानवता के उत्थान के लिए थीं। जब हम इस तरह के एपिसोड देखते या सुनते हैं, तो हमें यह समझ में आता है कि उन्होंने किस तरह जात-पात, भेदभाव और अन्याय का विरोध किया और लोगों को ईश्वर की ओर प्रेरित किया।

श्री अमरदीप सिंह जी द्वारा प्रस्तुत यह एपिसोड हमें न केवल गुरु नानक देव जी की घटनाओं से अवगत कराता है, बल्कि उनके संदेशों को आज की दुनिया से जोड़ने का कार्य भी करता है। आज के समय में, जहाँ समाज में विभाजन और भेदभाव, स्वार्थ बढ़ रहा है, ऐसे में यह एपिसोड हमें और भी जागरूक करता है।

यह एपिसोड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को कैसे उतारें — चाहे वह भेदभाव से दूर रहना हो, सादगी अपनाना हो या सत्य के मार्ग पर चलना हो। यह हमें संस्कृति से जोड़ता है और साथ ही यह संदेश देता है कि सच्ची धार्मिकता इंसानियत की सेवा है।

Reena Devi
Arthur Foot Academy

Wednesday, 10 September 2025

गुरु नानक देव जी : एकता और समानता के प्रतीक - सनबीम ग्रामीण स्कूल

 

गुरु नानक देव जी और उनके बचपन के दोस्त भाई मरदाना जी। भाई मरदाना, जो गुरु नानक के बचपन के मित्र और पहले शिष्यों में से एक थे। भाई मरदाना सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के पहले अनुयायी और जीवनभर के साथी थे। वे जन्म से मुस्लिम थे और संगीत के बहुत अच्छे जानकार थे। गुरु नानक देव जी के साथ उनकी लंबी यात्राओं में वे रबाब बजाकर गुरबानी (पवित्र भजन) गाते थे, जिससे उनके आध्यात्मिक संदेशों का प्रसार होता था। उन्हें रबाबी परंपरा का संस्थापक भी माना जाता है।

भाई मरदाना और गुरु नानक देव जी ने मक्का, मदीना, बगदाद, कराची, तिब्बत, कश्मीर, बंगाल, मणिपुर, श्रीलंका और दक्षिण भारत सहित कई देशों और उपमहाद्वीपों की आध्यात्मिक यात्राएँ कीं, जिन्हें 'उदासियाँ' कहा जाता है। इन यात्राओं में भाई मरदाना रबाब बजाते थे और गुरु नानक देव जी के साथ रहते थे।
नाम – शुभम पटेल

गुरु नानक देव जी को अखण्डता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज में एकता और समानता का संदेश फैलाया। आइए उनके कुछ प्रमुख योगदानों पर नज़र डालें:
एक ओंकार का संदेश: गुरु नानक देव जी ने "एक ओंकार" के माध्यम से यह संदेश दिया कि परमात्मा एक है और सभी मनुष्य उसके अंश हैं। इससे धार्मिक और सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर लोगों में भाईचारा बढ़ा।
जाति-पाति और पाखंड का विरोध: गुरु नानक देव जी ने जाति-पाति और पाखंड का विरोध किया और सभी मनुष्यों की समानता पर जोर दिया।
लंगर के माध्यम से एकता: लंगर के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने सभी को एक साथ भोजन करने के लिए प्रेरित किया, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिला।
निस्वार्थ सेवा और करुणा: गुरु नानक देव जी ने निस्वार्थ सेवा और करुणा का उपदेश दिया, जिससे समाज में एकता और सौहार्द बढ़ा।

उनके इन उपदेशों से समाज को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिली।
Name – Seema
Class – 8

Reflections Since 2021