पशुओं में पाए जाने वाले निःस्वार्थ प्रेम, अपनी प्रजाति के प्रति सहिष्णुता और अपने बच्चों की सुरक्षा की प्रवृत्ति उनकी अच्छाई में शामिल होती है। जैसे, कई जानवर अपने झुंड में एक नैतिक आचार-संहिता का पालन करते हैं और बिना किसी पूर्वाग्रह के प्यार व आत्म-समर्पण प्रदर्शित करते हैं।
दूसरी ओर, शिकारियों से बचाव के लिए अपनी प्रवृत्ति का पालन करना, भोजन की तलाश करना और अपनी जरूरतों के लिए दूसरे जानवरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना बुराई में शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष – जंतुओं का आंतरिक जीवन उनकी शारीरिक और प्राकृतिक प्रवृत्तियों के इर्द-गिर्द घूमता है, जो हमें बुराई लग सकता है। जैसे शिकार करना या प्रतिस्पर्धा करना उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक हो सकता है। दूसरी ओर, उनका निःस्वार्थ प्रेम और अपने बच्चों की रक्षा करना उनकी अच्छाई को दर्शाता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनके आंतरिक जीवन को मानवीय नैतिकता (सही या गलत) के मापदंडों पर नहीं मापा जा सकता।