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Saturday, 11 October 2025

अखंडता के प्रतीक गुरु नानक को समर्पित - सनबीम ग्रामीण विद्यालय

 गुरु नानक देव जी के अनुसार सुख-दुख जीवन के दो अनिवार्य पहलू हैं, और मनुष्य को दोनों में समान भाव से रहना चाहिए। न तो सुख में अहंकारी होना चाहिए और न ही दुख में हतोत्साहित। इसका अर्थ है कि सच्चा व्यक्ति वह है जो हर परिस्थिति में समभाव रखता है, सुख-दुख से प्रभावित हुए बिना और मोह-माया से परे होता है, जो उसे ईश्वर के अधिक निकट ले जाता है। दुख में घबराएं नहीं और सभी परिस्थितियों में ईश्वर की रज़ा में खुश रहें।

— नैन्सी मौर्या
कक्षा – 8

अखंडता के प्रतीक गुरु नानक को समर्पित
गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं और जीवन से ईश्वर की एकता और मानवता की अखंडता पर जोर दिया। गुरु नानक देव जी ने यह सिखाया कि सुख और दुख जीवन के स्वाभाविक नियम हैं और ये 'हुक्म' या ईश्वरीय आज्ञा के समान हैं, जो आते-जाते रहते हैं।
नाम – सीमा
कक्षा – 8

Wednesday, 17 September 2025

Allegory - The Tapestry of Guru Nanak’s Travels - Reena Devi

Allegory - The Tapestry of Guru Nanak’s Travels एक महत्वपूर्ण प्रेरणादायक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गुरु नानक देव जी की यात्राओं और उनके संदेशों को गहराई से समझना है। यह कहानी हमें उनके मूल्यों और शिक्षाओं से जोड़ती है।

इस एपिसोड में मैंने सीखा कि कैसे गुरु नानक देव जी ने पूरी दुनिया को समानता, भाईचारे, ईमानदारी और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उनकी यात्राएँ केवल धार्मिक नहीं थीं, बल्कि सामाजिक सुधार और मानवता के उत्थान के लिए थीं। जब हम इस तरह के एपिसोड देखते या सुनते हैं, तो हमें यह समझ में आता है कि उन्होंने किस तरह जात-पात, भेदभाव और अन्याय का विरोध किया और लोगों को ईश्वर की ओर प्रेरित किया।

श्री अमरदीप सिंह जी द्वारा प्रस्तुत यह एपिसोड हमें न केवल गुरु नानक देव जी की घटनाओं से अवगत कराता है, बल्कि उनके संदेशों को आज की दुनिया से जोड़ने का कार्य भी करता है। आज के समय में, जहाँ समाज में विभाजन और भेदभाव, स्वार्थ बढ़ रहा है, ऐसे में यह एपिसोड हमें और भी जागरूक करता है।

यह एपिसोड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को कैसे उतारें — चाहे वह भेदभाव से दूर रहना हो, सादगी अपनाना हो या सत्य के मार्ग पर चलना हो। यह हमें संस्कृति से जोड़ता है और साथ ही यह संदेश देता है कि सच्ची धार्मिकता इंसानियत की सेवा है।

Reena Devi
Arthur Foot Academy

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