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Sunday, 31 August 2025

लक्ष्यहीन जीवन अंधेरी राह जैसा है, और लक्ष्ययुक्त जीवन उजाले की तरह - Sakshi Pal

हमारे जीवन में लक्ष्य (Aim) का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। बिना लक्ष्य का जीवन ऐसे है जैसे नाव बिना पतवार के – न कोई दिशा होती है और न कोई गंतव्य। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हमेशा एक निश्चित लक्ष्य तय करना चाहिए और उसके प्रति पूरी निष्ठा, परिश्रम और धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

लक्ष्य हमें प्रेरणा देता है, कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देता है और हमें सही दिशा में आगे बढ़ने का साहस प्रदान करता है। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें प्राप्त करना हमें आत्मविश्वास देता है और हमें बड़े सपनों की ओर ले जाता है। लक्ष्य हमें अनुशासनप्रिय बनाता है। जब हम जानते हैं कि हमें कहां पहुंचना है, तब हमारी ऊर्जा, हमारी सोच और हमारा हर प्रयास उसी दिशा में लगने लगता है। इस प्रक्रिया में कई बार कठिनाइयां आती हैं, लेकिन वही कठिनाइयां हमें मज़बूत और अनुभवी बनाती हैं।

इतिहास गवाह है कि जिन्होंने अपने जीवन में महान लक्ष्य तय किए, उन्होंने ही समाज और राष्ट्र को नई दिशा दी। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, डॉ० ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे व्यक्तित्व हमें बताते हैं कि बड़ा लक्ष्य केवल सपना नहीं होता, बल्कि वह कठोर मेहनत और निरंतर प्रयास से वास्तविकता में बदला जा सकता है।

इस पाठ से मैंने सीखा कि लक्ष्य निर्धारित करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उसके लिए कठोर मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास भी ज़रूरी है। बाधाएं आएंगी, असफलताएं मिलेंगी, परंतु यदि मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी मंज़िल असंभव नहीं।

आज के समय में हर छात्र को चाहिए कि वह अपने जीवन का उद्देश्य तय करे और उस पर पूरी लगन से काम करे। चाहे डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक, लेखक या कोई भी क्षेत्र क्यों न हो, यदि हम लक्ष्य स्पष्ट रखेंगे तो सफलता निश्चित रूप से हमारे कदम चूमेगी।

जब मैंने इस पाठ को पढ़ा तो मुझे भी महसूस हुआ कि अब मुझे अपने जीवन का लक्ष्य स्पष्ट रखना चाहिए और हर दिन उसी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। यह पाठ मेरे लिए प्रेरणा बन गया है कि मेहनत, धैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति से हम कोई भी सपना पूरा कर सकते हैं।

"सपने वो नहीं जो सोते समय आते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते!"

Sakshi Pal, Arthur Foot Academy

 

लक्ष्य: जीवन की दिशा और संघर्ष से सफलता तक - Lalita Pal

"Our goal is our greatest strength, giving us the courage to face every challenge."

लक्ष्य के बिना जीवन की दिशा निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। अगर हमने अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित नहीं किया तो हम अपनी मंज़िल को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए सबसे पहले हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य हमें दिशा देता है, जैसे घने अंधेरे में दीपक की छोटी-सी लौ हमें राह दिखाती है।

बिना लक्ष्य के जीवन ऐसा है जैसे नाव के बिना पतवार, जो लहरों के सहारे इधर-उधर भटकती रहती है। जब कभी हम अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने की कोशिश करते हैं तो कठिनाइयाँ, असफलताएँ और बहुत सारी रुकावटें आती हैं और हम घबरा जाते हैं। लेकिन वही मुश्किलें हमें मज़बूत बनाती हैं और सफलता की कीमत समझाती हैं।

अगर हम अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो समझ लीजिए कि हमने अपने सपनों के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया है। अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक कदम बढ़ाते हैं तो हज़ारों मुश्किलें सामने आती हैं, जो हमें पीछे की ओर खींचने लगती हैं। लेकिन अगर हम पीछे हट जाएँ तो वह हमारी हार है, और अगर हर मुश्किल को पार करके आगे बढ़ जाते हैं तो जीत पक्की है।

ज़िंदगी एक किताब की तरह है; हर दिन एक नया पन्ना खुलता है और नई मुश्किलें सामने आती हैं, जिन पर हम अपने कर्मों और विचारों से लिखते जाते हैं। कभी-कभी ज़िंदगी में दुख के इतने काले बादल छा जाते हैं कि लगता है शायद कभी खत्म नहीं होंगे, लेकिन यह जीवन का सत्य है कि रात के बाद सुबह और दिन के बाद फिर से रात आती है।

अगर किसी भी व्यक्ति के पास कोई लक्ष्य नहीं होता, तो वह इस जीवन में चलता ही रहता है। जैसे कोई यात्री यात्रा तो करता है लेकिन अपनी मंज़िल को नहीं जानता, इसलिए बस चलता ही रहता है। लेकिन अगर अपनी मंज़िल का पता चल जाए, तो फिर वह सीधे अपनी मंज़िल तक पहुँच जाता है।

जैसे एक चींटी बार-बार चट्टान पर चढ़ती है और गिरती है, लेकिन हार नहीं मानती क्योंकि उसने अपना लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, इसलिए वह अंततः अपनी मंज़िल तक पहुँच जाती है। जब तक हम अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते, तब तक समय भी व्यर्थ जाता है, मुश्किलें भी बढ़ती हैं और इंसान भटकता ही रहता है। हाँ, जिस दिन हमें अपने लक्ष्य का ज्ञान हो जाएगा, उसी दिन से ज़िंदगी को सही रास्ता मिल जाएगा।

"Only those who don't fear challenges but stay determined at every step."

- Lalita Pal, Arthur Foot Academy


कोशिश और मेहनत: लक्ष्य प्राप्ति का मंत्र - सिमरन कौर

मैंने इस पाठ से यह सीखा है कि लक्ष्य एक जादू है, जो किसी भी व्यक्ति को वहाँ तक ले जा सकता है जहाँ कोई न गया हो। अगर मैंने अपने मन में अभी यह ठान रखा है कि मैं बी.एससी कर लूँगी, तो मेरा लक्ष्य केवल बी.एससी तक ही नहीं बल्कि इससे भी आगे एम.एससी करने का भी है। यह बात बिल्कुल सच है कि "उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।" इसलिए अपने लक्ष्य के लिए जीवन में मेहनत करनी ही पड़ती है। कठिनाई का मतलब असंभव नहीं होता, बल्कि इसका सीधा अर्थ है कि आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अगर इंसान अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर तरीके से मेहनत करता है, तो लक्ष्य भी जल्दी ही प्राप्त हो जाता है। लेकिन अपने लक्ष्य के लिए व्यक्ति को मेहनत करते रहना चाहिए।

जैसे एक कविता है: "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"
इस कविता में एक छोटी चींटी होती है, जिसका लक्ष्य केवल दीवार पर चढ़ना होता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चींटी बहुत मेहनत करती है। इसलिए एक और पंक्ति है:
"नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ते हुए दीवार पर सौ बार फिसलती है।
आख़िर उसकी मेहनत हर बार बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"

चींटी सौ बार चढ़ती है लेकिन सौ बार ही फिसल जाती है, फिर भी उसकी मेहनत हर बार बेकार नहीं होती। चींटी हार नहीं मानती और अंततः अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेती है। ऐसे ही जीवन में भी इंसान को मेहनत करते रहना चाहिए। इस छोटी-सी चींटी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर मनुष्य अपने मन में ठान ले, तो वह अपना लक्ष्य अवश्य प्राप्त कर सकता है। जीवन में मनुष्य असंभव को संभव में बदल सकता है। इस दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो मनुष्य नहीं कर सकता।

यह सोचना गलत है कि "हम यह कार्य नहीं कर सकते।" जब मनुष्य अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है तो वह सब कुछ कर सकता है। इसलिए मनुष्य को जीवन में मेहनत करते रहना चाहिए। इंसान वह सब कुछ पा सकता है जो उसने अपने मन में ठान रखा है। इस संसार में कोई कार्य कठिन नहीं है—बस मेहनत करते रहना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी।

सिमरन कौर, Arthur Foot Academy

Saturday, 12 July 2025

संकल्प का असली अर्थ: शुरुआत से निभाने तक की यात्रा – Lalita Pal

"This life is one, and time is also limited, so live for yourself rather than waste it on others." 😊

हर नया संकल्प एक बीज की तरह होता है, जिसे यदि सही वातावरण, नियमित देखभाल और समय मिले, तो वह वटवृक्ष बन सकता है। लेकिन क्या हम उस बीज को समय पर पानी देते हैं?
क्या हम उसे सूरज की रोशनी में ले जाते हैं? या हम सिर्फ संकल्प करके उसे भूल जाते हैं?

"Everything is easy when you are busy, but nothing is easy when you are lazy." 😊

संकल्प लेना आसान है—"मैं रोज ध्यान करूंगी"—पर क्या हमने कभी पीछे मुड़कर देखा कि हमने कितनी बार अपने ही संकल्पों से मुंह मोड़ा? संकल्प लेना आसान था—कुछ शब्द, एक भावना और मन में एक तस्वीर।
लेकिन उसे निभाना कठिन था। वो सुबह जल्दी उठना, बार-बार मन को समझाना, पुरानी आदतों से लड़ना—यही असली तप था। अब जब पीछे मुड़कर देखती हूं, तो सोचती हूं: क्या मेरा संकल्प सिर्फ एक प्रेरणा थी, या वो सच में मेरी आत्मा की पुकार थी? शुरुआत में जो जोश था, वो धीरे-धीरे थम गया—शायद इसलिए क्योंकि मैंने संकल्प लिया था, पर उसकी जिम्मेदारी को पूरी तरह अपनाया नहीं था। या शायद इसलिए कि मैं बैठी थी ये सोचने कि मैं सच में क्यों बदलना चाहती हूं?

कभी-कभी लगता है कि संकल्प लेना तो आसान है—बस कुछ अच्छा सोचो, कुछ प्रेरक लाइनें पढ़ो और खुद से वादा कर लो। पर असली चुनौती है हर दिन उस वादे को निभाना। जब मन कहता है, "छोड़ न, कल से फिर कर लेंगे," तब खुद को पकड़ कर खड़ा करना ही असली संकल्प है। मैंने कई बार संकल्प लिए—कभी उत्साह में, कभी भावनाओं में बहकर, कभी दूसरों को देखकर और कभी खुद को सच्चे मन से बदलने की चाह में।

"Remember, nothing is impossible for you.
You can do what you never thought." 🙂

– Lalita Pal

Friday, 11 July 2025

संकल्प' पाठ पर आत्मचिंतन - Sakshi Pal

 

‘संकल्प’ पाठ मेरे लिए एक बहुत ही प्रेरणादायक और सीखों से भरा हुआ अनुभव रहा। यह पाठ न केवल हमें अपने जीवन में उद्देश्य निर्धारित करने की प्रेरणा देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और ईमानदारी से किया गया संकल्प हमें किसी भी मंज़िल तक पहुँचा सकता है।

जब मैंने यह पाठ सुना, तो मुझे महसूस हुआ कि हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है जब उसे यह तय करना होता है कि वह किस दिशा में जाना चाहता है।

इस पाठ ने मुझे अपने लक्ष्यों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर किया।
मैंने महसूस किया कि केवल सपना देखना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि उसे पूरा करने का संकल्प उतना ही आवश्यक होता है।

इस पाठ में जिस प्रकार पात्रों ने अपने जीवन को एक ठोस संकल्प के साथ आगे बढ़ाया, वह मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
इस कहानी ने मुझे यह सिखाया कि सफलता कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह संकल्प और निरंतर प्रयास का परिणाम होती है।

हमें अपने जीवन में किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले यह ठान लेना चाहिए कि चाहे कैसी भी कठिनाई आए, हम पीछे नहीं हटेंगे। इस पाठ ने मुझे आत्म-निरीक्षण करने का अवसर भी दिया।
मैंने खुद से पूछा —
क्या मैं भी अपने लक्ष्यों को लेकर उतनी ही गंभीर हूँ?
क्या मैं भी ऐसा कोई संकल्प ले सकती हूँ, जिसे मैं अपने जीवन की दिशा बना सकूँ?

यह केवल एक कहानी नहीं थी—बल्कि एक दर्पण था, जो मुझे यह दिखा रहा था कि मैं कहाँ खड़ी हूँ और कहाँ तक जा सकती हूँ।
मैंने यह भी सीखा कि जीवन में कई बार रुकावटें आएँगी, लोग आलोचना करेंगे, लेकिन अगर हमारा संकल्प सच्चा है, तो हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।
हमें असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

संकल्प हमें न केवल लक्ष्य की ओर ले जाता है, बल्कि हमें भीतर से भी मजबूत बनाता है। यह हमें सिखाता है कि जब पूरी दुनिया हमारे खिलाफ हो, तब भी अगर हम अपने आत्मबल पर विश्वास रखें, तो हर असंभव कार्य भी संभव हो सकता है।
यह हमारे चरित्र का निर्माण करता है और हमें बार-बार गिरकर फिर उठने की ताक़त देता है।

मैंने यह भी अनुभव किया कि संकल्प एक ऐसी शक्ति है, जो हमें आलस्य, भय और असमर्थता से निकालकर कर्म, साहस और सफलता की ओर ले जाती है। यह पाठ न केवल ज्ञान का स्रोत है, बल्कि जीवन में जागरूकता और प्रेरणा का माध्यम भी बना।

अब मैं यह ठान चुकी हूँ कि चाहे पढ़ाई हो या जीवन का कोई भी क्षेत्र, मैं पूरे मन से प्रयास करूँगी और अपने हर छोटे-बड़े लक्ष्य के लिए एक दृढ़ संकल्प लूँगी।

**अंत में मैं कहना चाहूँगी—
‘संकल्प’ केवल एक पाठ नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक मार्गदर्शन है।
यह हमें सिखाता है कि यदि हमारी नीयत और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
"With firm resolve and pure intentions, success is just a matter of time."

- Sakshi Pal

संकल्प - Swati

 

जब हम अपने मन से कोई ठोस संकल्प लेते हैं, तो वह केवल एक विचार नहीं होता—वह एक दिशा बन जाता है। यह एक लक्ष्य की ओर बढ़ने का पहला मजबूत कदम होता है। मेरे लिए संकल्प सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि यह आत्मबल और आत्मविश्वास की यात्रा की शुरुआत है। बचपन से ही हमने सीखा है कि "जहाँ चाह, वहाँ राह"। जब हम मन से किसी लक्ष्य की ओर बढ़ने लगते हैं, तो रास्ते भी खुद-ब-खुद बनते चले जाते हैं। मेरे जीवन में जब भी कोई परेशानी आई, मैंने महसूस किया कि मेरा संकल्प ही था जिसने मुझे आगे बढ़ने का हौसला दिया।

Sankalp is not just a promise to the world – it is a deep commitment to your own soul.

मैंने अनुभव किया है कि जब संकल्प दिल से लिया जाए, तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में मदद करती है। फिर चाहे वह पढ़ाई का लक्ष्य हो, किसी की मदद करने का इरादा हो, या खुद को और बेहतर बनाने की चाह—दिल से लिया गया संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाता। संकल्प हमें अनुशासन सिखाता है। यह हमारे विचारों को दिशा देता है और हमारे कर्मों को अर्थ। यह हमें भीतर से मजबूत बनाता है, ताकि हम जीवन की हर चुनौती का डटकर सामना करें, न कि उससे डरें।

It is the foundation of every achievement. Great journeys begin with small decisions – and Sankalp is that first step.

आज के इस डिजिटल युग में, जहाँ ध्यान भटकाना आसान है, वहीं संकल्प हमें अपनी दिशा याद दिलाता है। यह हमारी सोच को स्पष्ट करता है और हमारे उद्देश्य को जीवन का हिस्सा बना देता है।

अंत में मैं यही कहूँगी:

"संकल्प कोई दिखावे की चीज़ नहीं, बल्कि आत्मा की आवाज़ है, जो हमें खुद से मिलाती है।"

Take your Sankalp seriously – because your future is waiting to be shaped by it.

संकल्प का मतलब है खुद से किया गया वादा। यह वादा हमें तब मजबूती देता है, जब दुनिया हमें कमजोर समझती है।

Every day counts. Small steps matter.
मैंने सीखा है कि संकल्प लेने के बाद हर दिन मेहनत ज़रूरी होती है। हर छोटी कोशिश एक बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता कदम होती है।

Never stop. Never quit.
संकल्प केवल हमें मंज़िल की ओर नहीं ले जाता, बल्कि हमें खुद को समझने और जानने का रास्ता भी देता है। यह हमारे मन के भीतर छुपे विचारों को बाहर लाता है और हमारी आंतरिक क्षमताओं को पहचानने का अवसर देता है।

मैंने अपने जीवन में महसूस किया है कि—

"जब रास्ते कठिन होते हैं, तो हर कोई साथ छोड़ देता है; केवल संकल्प ही होता है जो हमारे साथ रहकर जीवन में दिशा दिखाता है।"

Don't give up. Walk alone if needed.

"संकल्प लो, फिर खुद को भूल जाओ – बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाओ।"
Small start. Big dream. Strong will. That's Sankalp.

"वक़्त चाहे जितना भी लगे, पर अगर संकल्प सच्चा है, तो मंज़िल ज़रूर मिलेगी।"

स्वाति


संकल्प: आत्मनिर्माण की दिशा में एक प्रतिबद्ध कदम - रीना देवी

 

“One who believes in their determination has already conquered half the journey.”

संकल्प’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब हम कोई संकल्प लेते हैं, तो वह हमारी सोचने की शक्ति को बढ़ाता है। सोच से लिए गए संकल्प न केवल हमें आगे बढ़ाते हैं, बल्कि कठिनाइयों में भी हमें मजबूती से खड़े रहने और उनका सामना करने की ताक़त देते हैं।

संकल्प लेने से पहले यह ज़रूरी है कि हम स्वयं को समझें—हमारी इच्छाओं को, हमारे लक्ष्यों को। तभी हम उन्हें सही राह दिखा सकते हैं।
संकल्प एक बार लिया जाता है, लेकिन उसकी परीक्षा हर दिन होती है।
जब आलस्य आए, जब निराशा घेर ले, तब हमारी सोच ही हमें याद दिलाती है कि हमने क्या चुना था, और क्यों चुना था।

जब सोच स्पष्ट होती है, तो संकल्प में शक्ति होती है; और जब संकल्प मजबूत होता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

संकल्प केवल एक लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं है—यह आत्म-निर्माण का मार्ग है।
एक सच्चा संकल्प न केवल व्यक्ति को ऊँचाइयों तक ले जाता है, बल्कि उसे सही दिशा भी देता है।

इतिहास गवाह है कि जिन्होंने सच्चे संकल्प किए, उन्होंने असंभव को भी संभव बना दिया।
महात्मा गांधी का स्वतंत्रता के प्रति संकल्प हमें यह सिखाता है कि एक विचार, एक निश्चय—कैसे सम्पूर्ण राष्ट्र की दिशा बदल सकता है।

“When determination is strong, the path creates itself.”

संकल्प एक छोटा-सा शब्द है, लेकिन इसका अर्थ अत्यंत गहरा है।
It means a strong will—a firm decision made with oneself.
यह एक विचार मात्र नहीं, बल्कि एक commitment है, जो हमें हमारे लक्ष्यों तक पहुँचाने में मदद करता है।

जब हम कोई संकल्प लेते हैं, तो हम अपने comfort zone से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं। यह आसान नहीं होता, लेकिन वहीं से हमारी growth की शुरुआत होती है।

हम सभी ने कभी न कभी कोई न कोई संकल्प लिया होगा—चाहे पढ़ाई में अच्छा करने का, समय का सदुपयोग करने का, माता-पिता का सम्मान करने का, या समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का।

परंतु मैंने अपने अनुभव से यह सीखा है कि संकल्प केवल लेना पर्याप्त नहीं होता; उसे निभाने के लिए आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर प्रयास आवश्यक होते हैं।

संकल्प लेना जितना आसान है, उसे निभाना उतना ही कठिन। लेकिन जब हम अपने संकल्प से सच्चा लगाव रखते हैं, तब हर कठिनाई छोटी लगने लगती है। आत्मविश्वास, समय का सदुपयोग, और निरंतर प्रयास—यही संकल्प की सच्ची पहचान हैं।

संकल्प का अर्थ है—अपने आप से किया गया एक वादा।
जब हम कोई लक्ष्य तय करते हैं और उसे पूरा करने का संकल्प लेते हैं, तो वह हमें अपने कर्तव्य की याद दिलाता है और distractions से दूर रखकर focus बनाए रखने की प्रेरणा देता है। एक छोटा-सा संकल्प भी जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है, बशर्ते हम उसे sincerely निभाएं।

मेरा स्वयं का संकल्प:
जिस विद्यालय की मैं प्रधानाचार्य हूँ—Arthur Foot Academy—वहाँ के बच्चे बहुत आगे जाएँ, आसमान की ऊँचाइयों को छुएँ, और यह विद्यालय पूरे समाज और देश में अपना नाम रोशन करे। मैं अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और लगन से करूँ, यही मेरा संकल्प है।

जहाँ कहीं भी मुझे मेरे विद्यालय का नाम सुनाई दे, वहीं मेरा गर्व और उद्देश्य पूरा होता है।

मैं विशेष धन्यवाद देना चाहती हूँ Sandeep Sir को, जिनकी इस पुस्तक के माध्यम से मुझे अपने विचार साझा करने का सौभाग्य मिला।

रीना देवी, 
प्रधानाचार्य
Arthur Foot Academy

संकल्प: आत्मबल और विश्वास का आधार - सिमरन कौर

"अगर मन में विश्वास हो, तो रास्ते बन ही जाते हैं।"

संकल्प’ पाठ से मैंने यह सीखा है कि संकल्प एक ऐसा दृढ़ निश्चय है, जिसमें एक बार किसी कार्य को करने का निर्णय ले लिया जाए, तो फिर पीछे हटना नहीं चाहिए।
इसलिए किसी भी काम को शुरू करने से पहले यह ठान लेना ज़रूरी है कि — "मुझे यह कार्य करना है, और किसी भी परिस्थिति में इसे पूरा करके ही रहना है।"

जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों न आ जाए — चाहे वह अनुकूल हो या प्रतिकूल — हमें अपने संकल्प पर टिके रहना चाहिए। जैसे मैं सिमरन, वर्तमान में बीएससी कर रही हूँ, तो मैंने यह ठान लिया है कि मैं यह कोर्स पूरा करके ही रहूँगी। चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, मैं पीछे नहीं हटूँगी।

जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन मेरा संकल्प मुझे लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। मैं Arthur Foot Academy में बच्चों को विज्ञान पढ़ाती हूँ। कभी-कभी कोई विषय ऐसा होता है जो मुझे स्वयं भी ठीक से नहीं आता, लेकिन मैं उसे सीखने का पूरा प्रयास करती हूँ।

मैंने अपने मन में यह ठान रखा है कि मैं जल्दी ही उसे सीख जाऊँगी। अगर सीखने की इच्छा हो, तो कोई भी व्यक्ति कुछ भी सीख सकता है, और फिर वही ज्ञान दूसरों को भी सिखा सकता है। परंतु सीखने और सिखाने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत ज़रूरी है। जब हम यह संकल्प लेते हैं कि "मुझे यह कार्य पूरा करना है," तो आत्मबल बढ़ता है और कार्य के प्रति समर्पण भी। कभी-कभी जीवन में ऐसा भी होता है कि हमने कोई कार्य पूरी मेहनत, लगन और सच्चाई से किया, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिलती। ऐसे समय में मनोबल टूट सकता है, लेकिन हमें अपने संकल्प को याद करना चाहिए।

हमें यह सोचना चाहिए कि —
"मैंने यह कार्य अपने मन से, अपनी इच्छा से चुना था, और मैंने खुद से वादा किया था कि मैं इसे पूरा करूँगी।"

‘संकल्प’ पाठ से मुझे यह सीख मिली कि

  • हार नहीं माननी चाहिए,

  • अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए,

  • और जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए।

हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि "मैं यह काम नहीं कर सकती/सकता,"
बल्कि यह सोचना चाहिए — "मैं कर सकती हूँ और करूँगी।"

संकल्प ही वह शक्ति है जो हमें कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहने और लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करती है।

-सिमरन कौर

संकल्प: सफलता की ओर पहला कदम – रूबल कौर

 

"हमेशा ध्यान रखें कि हमारा सफल होने का संकल्प, किसी और संकल्प से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।"

संकल्प का अर्थ है – कोई मजबूत और पक्का निर्णय लेना। जब हम किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए लगातार और पूरी मेहनत से प्रयास करते हैं। जब तक उस कार्य में सफलता न मिल जाए, तब तक हम हार नहीं मानते — यही सच्चा संकल्प कहलाता है। अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो संकल्प बहुत ज़रूरी है।

संकल्प हमें दिशा देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और मेहनत करने की शक्ति देता है।

सच्चा संकल्प वही होता है जिसे हम दिल से लें और पूरे मन से निभाएँ —
चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ, हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है।
हमें अपने कदमों को आगे की ओर ले जाना है और सफलता के मार्ग पर दृढ़ता से चलते रहना है। जब कोई व्यक्ति संकल्प लेता है, तो वह अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहता है। वह कठिनाइयों से नहीं डरता और निरंतर प्रयास करता है। यही निरंतर प्रयास उसे सफलता की ओर ले जाता है।

संकल्प हमें यह सिखाता है कि –
अगर हम किसी भी काम को नियमित रूप से, ईमानदारी से और मेहनत के साथ करें, तो हम निश्चित ही सफल होंगे। ‘संकल्प’ एक प्रेरणादायक पाठ है, जो यह सिखाता है कि अगर हमारे अंदर कुछ कर दिखाने की सच्ची इच्छा हो, तो हम कोई भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। संकल्प एक ऐसी शक्ति है, जो हमें ठोस निर्णय लेने और उन्हें निभाने की प्रेरणा देती है। यह हमारे सपनों और इच्छाओं को स्पष्ट रूप से देखने, उन्हें समझने और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने का साहस देता है।

संकल्प यह भी सिखाता है कि —
किसी काम में असफल होना बुरी बात नहीं है।
गलती यह होती है कि हम असफलता से डरकर दोबारा प्रयास ही न करें।
ऐसी स्थिति में हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और फिर से मजबूत संकल्प के साथ शुरुआत करनी चाहिए।
“Regular efforts make impossible things possible.”

इस पाठ से मुझे यह प्रेरणा भी मिली कि हमें अपने जीवन में अच्छे और सार्थक संकल्प लेने चाहिए –
जैसे:

  • हर साल एक पेड़ लगाना,

  • पौधों को नियमित रूप से पानी देना,

  • अपने आस-पास सफाई रखना,

  • और प्रकृति से मित्रता करना।

संकल्प न केवल एक विचार है, बल्कि वह आंतरिक शक्ति है जो हमारे चरित्र को आकार देती है और हमें सफलता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

- रूबल कौर

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