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Tuesday, 26 August 2025

कृतज्ञता का महत्व- Sunbeam Gramin School


कृतज्ञता का अर्थ है किए हुए उपकार को मानना और उसके प्रति आभार व्यक्त करना। कृतज्ञता एक सकारात्मक भावना है, जो किसी के प्रति दयालुता या सहायता के लिए सराहना व्यक्त करती है। कृतज्ञता एक गुण है और मानवता की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यह हमें दूसरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना रखने में मदद करती है।

आजकल के बच्चे भी बहुत-सी चीज़ों के महत्व को नहीं समझते। भोजन, कपड़े, आरामदायक बिस्तर और खिलौने, पढ़ने के लिए स्कूल, छुट्टियाँ और जन्मदिन की पार्टियाँ — ये सब वे सामान्य मान लेते हैं। बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें इन सबका सही महत्व “पता” होता है। वास्तव में वे ही बच्चे इन सभी चीज़ों के लिए कृतज्ञ होते हैं। हमें भी जो सुविधाएँ प्राप्त हैं, उनके लिए कृतज्ञ होना “चाहिए”।

– Shubham Patel
Class – 8

कृतज्ञता, यानी किसी के प्रति आभार व्यक्त करना, जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने और खुशी पाने में सहायक होता है।

कृतज्ञता एक ऐसी भावना है, जो हमें जीवन की अच्छी चीज़ों को पहचानने और उनके लिए आभारी होने में मदद करती है। जब हम कृतज्ञ होते हैं, तो हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं और नकारात्मक विचारों से दूर रहते हैं। इससे हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

कृतज्ञता हमें दूसरों के प्रति अधिक दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनाती है, जिससे हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं। जब हम अपने जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी आभारी होते हैं, तो हम अधिक खुश और संतुष्ट महसूस करते हैं।

- Seema
Class – 8

कृतज्ञता का अर्थ है – किसी के प्रति किए गए उपकार या सहायता को मानना और उसके प्रति आभार व्यक्त करना। यह एक सकारात्मक भावना है, जो सम्मान और भरोसे की भावना से जुड़ी होती है।

कृतज्ञता का अर्थ :

  • दयाभाव रखना : किसी के द्वारा की गई मदद या उपकार को याद रखना और उसका सम्मान करना।

  • आभार व्यक्त करना : किसी के प्रति अपनी भावनाओं और आभार को शब्दों या कर्मों से व्यक्त करना।

  • सकारात्मकता : कृतज्ञता एक सकारात्मक भावना है, जो दूसरों और स्वयं की भावनाओं को बढ़ाती है।

कृतज्ञता के लाभ :

  • सकारात्मक दृष्टिकोण : यह जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है।

  • मजबूत रिश्ते : कृतज्ञता दूसरों के साथ संबंधों को मजबूत बनाती है

– Nainisha Maurya
Class – 5

Friday, 22 August 2025

कृतज्ञता: जीवन का अनमोल गुण - सिमरन कौर


कृतज्ञता पाठ से मैंने सीखा है कि कृतज्ञता वह गुण है जो हर व्यक्ति में होना चाहिए। कृतज्ञता जीवन की एक ऐसी शैली है जो जीवन के सारे प्रतिबंध खोल देती है। कृतज्ञता से हमारे जीवन में अनेक प्रकार के बदलाव आते हैं। अगर हम किसी इंसान की मदद करते हैं और वह व्यक्ति हमें “Thank you” बोलता है, तब हमें कितना अच्छा महसूस होता है। हमारा दिल खुश हो जाता है और हम उस व्यक्ति को सम्मान की नजरों से देखने लगते हैं। उसके प्रति हमारे मन में प्रेम और सम्मान की भावना बढ़ती है।

जब ऐसा करने पर हमें खुद को खुशी मिलती है, तो क्यों न हम दूसरों की खुशी के लिए आभार व्यक्त करें। ऐसा करने से एकता और समानता, प्रेम बढ़ता है।

कृतज्ञता वह पूंजी है जो हर व्यक्ति में होती है। परंतु कभी-कभी इंसान अपने अहंकार (ego) के कारण सामने वाले व्यक्ति को उसकी मदद के लिए आभार व्यक्त नहीं करता। यह गलत है। जैसे हमें खुशी मिलती है, वैसे ही हमें दूसरों के लिए भी और अपनों को खुश रखने के लिए कृतज्ञता का पालन करना चाहिए।

- सिमरन कौर, Arthur Foot Academy

कृतज्ञता कठिन दिनों में भी उम्मीद की एक किरण बन जाती है - Swati

कृतज्ञता—इस शब्द से दिल को एक अलग ही सुकून मिलता है। मन में एक शांत सी रोशनी होती है। जब मैं इसके बारे में सोचती हूँ, तो मुझे लगता है कि कृतज्ञता केवल "thank you" बोल देने का नाम नहीं है, बल्कि यह दुनिया को देखने का एक नजरिया है। कहें तो यह एक ऐसा चश्मा है, जो हमें हमारी कमियों और उपलब्धियों पर फोकस करवाता है—फिर चाहे वे कितनी ही छोटी क्यों न हों।

मेरे मन में विचार आता है कि हमें हर छोटी चीज़ के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए। और यह आभार हमें हर इंसान के साथ करना चाहिए—फिर चाहे वह इंसान हमसे बड़ा हो या छोटा। ऐसा भाव अपने मन में रखने से हमारे आस-पास के रिश्ते मजबूत होते हैं और प्रेम बढ़ता है।

हम हर चीज़ के लिए आभार व्यक्त कर सकते हैं—जैसे प्रकृति की सुंदरता के लिए, अपने परिवार के सदस्यों के लिए, और कभी-कभी दूसरों की खुशी के लिए भी। कृतज्ञता जीवन का वह भाव है जो हमारे मन में संतोष और शांति का अनुभव कराता है। जब हम कृतज्ञ होते हैं, तो हमें लगता है कि हमारे पास जो कुछ भी है, वही पर्याप्त है। यह सोच न केवल हमें संतोष देती है, बल्कि और पाने की लालसा से भी मुक्ति दिलाती है।

"कृतज्ञता मेरे मन में एक शांति का दीपक जलाती है।"

कृतज्ञता हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी कुछ न कुछ ऐसा होता है जिसके लिए हम आभारी रह सकते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदल देती है।

"आभार संबंधों की दूरी को भी पास ले आता है।"

मेरे विचार से—अगर हम प्रतिदिन कृतज्ञता को अपने मन से दूसरों के लिए स्वीकार करें, तो हमारा जीवन न केवल आनंदमय होगा बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।

"मैं जितना 'धन्यवाद' बोलती हूँ, उतना मन हल्का होता है।"

स्वाति, Arthur Foot Academy


Friday, 15 August 2025

स्वयं में बदलाव ही दुनिया को बदलने का पहला कदम है - स्वाति

मैंने देखा है कि हम सब अक्सर दूसरों में बदलाव की उम्मीद करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बदलाव की असली शुरुआत स्वयं से होती है। जब हम अपने सोचने का तरीका, अपनी आदतें और अपना नज़रिया बदलते हैं, तब दुनिया हमें नए रंग में दिखाई देने लगती है। बदलाव का मतलब अपनी पहचान खोना नहीं, बल्कि खुद को एक नए रूप में ढालना है।

"जब मैं बदलती हूँ, तब मेरी दुनिया बदलने लगती है।"

स्वयं में बदलाव लाना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए आत्मनिरीक्षण, धैर्य और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है। बदलाव के लिए कई बार हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना पड़ता है, और यह सबसे कठिन कदम होता है। लेकिन जब हम अपने भीतर सुधार लाते हैं, तो हमारे आस-पास के रिश्ते और माहौल सकारात्मक रूप में बदलने लगते हैं। मेरे मन में यह विचार गहराई से बैठा है कि अगर मैं रोज़ थोड़ा-थोड़ा बेहतर बनने की कोशिश करूँ—चाहे वह मेरे व्यवहार में हो, मेरी पढ़ाई में, या फिर मेरी सोच और आदतों में—तो यह छोटे-छोटे बदलाव समय के साथ बहुत बड़ा असर डाल सकते हैं। जीवन में ठहराव से बचने के लिए बदलाव ज़रूरी है, और यह बदलाव सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण "स्वयं" से शुरू होना चाहिए।

"बदलाव की शुरुआत हमेशा खुद से होती है। आज मैं कल से बेहतर बनूँगा।"

जब यह बदलाव भीतर से आता है, तो इसका प्रभाव बाहर की दुनिया पर भी पड़ता है। ऐसे में न केवल हमारा जीवन सुंदर बनता है, बल्कि हम दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा भरते हैं। स्वयं में बदलाव केवल हमारी व्यक्तिगत उन्नति का साधन नहीं, बल्कि यह समाज को प्रगति की ओर ले जाने वाला बीज है।

"भीतर का बदलाव, बाहर की दुनिया का रूप बदल देता है।"

स्वाति

स्वयं में बदलाव लाने की सीख - रीना देवी

 
ज़िंदगी में सबसे मुश्किल काम दूसरों को बदलना नहीं, बल्कि खुद को बदलना होता है। शुरुआत में मुझे लगता था कि मैं जैसी हूँ, वैसी ही ठीक हूँ। मुझे लगता था कि अगर मुझे कोई समझ नहीं पा रहा है, तो गलती उसकी है। लेकिन धीरे-धीरे एहसास हुआ कि रिश्ते, सपने और खुशियाँ तभी टिकती हैं जब अपने भीतर झाँकने का साहस रखें।

पहले मैं हर बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देती थी। लेकिन फिर मैंने खुद में बदलाव लाया। अब, जब कोई भी व्यक्ति मुझसे कुछ कहता है, तो मैं जवाब देने से पहले थोड़ा रुककर सोचती हूँ और फिर शांत होकर उत्तर देती हूँ। हम अक्सर अपने समाज और आसपास के लोगों से बदलाव की उम्मीद करते हैं, लेकिन भूल जाते हैं कि असली बदलाव की शुरुआत खुद से होती है। जब हम अपने व्यवहार और विचारों में सुधार लाते हैं, तब हमारा असर दूसरों तक भी पहुँचता है। यह असर धीरे-धीरे फैलकर समाज का माहौल बदल सकता है।

इससे हमें यह सीख मिलती है कि हम दूसरों से शिकायत करने के बजाय उदाहरण बनें। अगर हम चाहते हैं कि लोग ईमानदार बनें, तो उसके लिए हमें पहले खुद ईमानदार होना होगा। इसी तरह, अगर हम चाहते हैं कि माहौल सकारात्मक हो, तो शुरुआत हमें खुद से करनी होगी।

"दुनिया बदलने से पहले, अपने भीतर बदलाव लाओ।"

रीना देवी

Friday, 11 July 2025

संकल्प: सफलता की ओर पहला कदम – रूबल कौर

 

"हमेशा ध्यान रखें कि हमारा सफल होने का संकल्प, किसी और संकल्प से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।"

संकल्प का अर्थ है – कोई मजबूत और पक्का निर्णय लेना। जब हम किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए लगातार और पूरी मेहनत से प्रयास करते हैं। जब तक उस कार्य में सफलता न मिल जाए, तब तक हम हार नहीं मानते — यही सच्चा संकल्प कहलाता है। अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो संकल्प बहुत ज़रूरी है।

संकल्प हमें दिशा देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और मेहनत करने की शक्ति देता है।

सच्चा संकल्प वही होता है जिसे हम दिल से लें और पूरे मन से निभाएँ —
चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ, हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है।
हमें अपने कदमों को आगे की ओर ले जाना है और सफलता के मार्ग पर दृढ़ता से चलते रहना है। जब कोई व्यक्ति संकल्प लेता है, तो वह अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहता है। वह कठिनाइयों से नहीं डरता और निरंतर प्रयास करता है। यही निरंतर प्रयास उसे सफलता की ओर ले जाता है।

संकल्प हमें यह सिखाता है कि –
अगर हम किसी भी काम को नियमित रूप से, ईमानदारी से और मेहनत के साथ करें, तो हम निश्चित ही सफल होंगे। ‘संकल्प’ एक प्रेरणादायक पाठ है, जो यह सिखाता है कि अगर हमारे अंदर कुछ कर दिखाने की सच्ची इच्छा हो, तो हम कोई भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। संकल्प एक ऐसी शक्ति है, जो हमें ठोस निर्णय लेने और उन्हें निभाने की प्रेरणा देती है। यह हमारे सपनों और इच्छाओं को स्पष्ट रूप से देखने, उन्हें समझने और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने का साहस देता है।

संकल्प यह भी सिखाता है कि —
किसी काम में असफल होना बुरी बात नहीं है।
गलती यह होती है कि हम असफलता से डरकर दोबारा प्रयास ही न करें।
ऐसी स्थिति में हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और फिर से मजबूत संकल्प के साथ शुरुआत करनी चाहिए।
“Regular efforts make impossible things possible.”

इस पाठ से मुझे यह प्रेरणा भी मिली कि हमें अपने जीवन में अच्छे और सार्थक संकल्प लेने चाहिए –
जैसे:

  • हर साल एक पेड़ लगाना,

  • पौधों को नियमित रूप से पानी देना,

  • अपने आस-पास सफाई रखना,

  • और प्रकृति से मित्रता करना।

संकल्प न केवल एक विचार है, बल्कि वह आंतरिक शक्ति है जो हमारे चरित्र को आकार देती है और हमें सफलता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

- रूबल कौर

Friday, 13 June 2025

चलो खुशियां फैलाएं, दुनिया को जगमगाए! - Sakshi Pal

 

जब हम दूसरों को खुशियां देते हैं, तो असल में हम अपने जीवन में भी रोशनी भरते हैं। एक छोटी सी मुस्कान, मदद का हाथ या प्रोत्साहन का एक शब्द किसी के दिन को बेहतर बना सकता है। दूसरों को खुश देखना हमें आंतरिक संतोष और शांति प्रदान करता है। मैंने महसूस किया है कि जब मैं अपने दोस्तों, परिवार या जरूरतमंदों की मदद करती हूँ, तो मेरा मन हल्का और प्रसन्न हो जाता है। खुशियां बांटने से वे कम नहीं होतीं, बल्कि कई गुना बढ़ जाती हैं।

हमेशा यह याद रखना चाहिए कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हमें खुद पहल करनी होती है। यदि हम सब एक-दूसरे की खुशी का कारण बनें, तो समाज और दुनिया में सच्ची सकारात्मकता फैल सकती है।

"दूसरों को खुशियां देना न केवल एक अच्छा कर्म है, बल्कि यह जीवन को सुंदर और सार्थक बनाता है।"

— साक्षी पाल

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