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Sunday, 27 July 2025

संपूर्ण मानवता के गुरु: नानक की वाणी, नानक का प्रेम - Lalita pal

 

"He lit the flame of truth and grace, Guru Nanak showed the divine in every face."

यह एपिसोड गुरु नानक देव जी की यात्राओं के दौरान एक गहरे और प्रतीकात्मक अनुभव को दर्शाता है। यह न केवल ऐतिहासिक स्थलों को दिखाता है, बल्कि उन स्थलों में छिपे हुए आध्यात्मिक संदेशों को भी उजागर करता है।

गुरु नानक देव जी अपने उपदेशों में सदैव विनम्रता को प्राथमिकता देते थे। इस एपिसोड में दिखाया गया है कि कैसे उन्होंने कठोर और घमंडी लोगों को भी प्रेम और शांति के माध्यम से बदल दिया।

गुरु नानक जी ने संसार को यह बताया कि ईश्वर एक है और वह हर जीव में समाया हुआ है। उनके इस विचार ने धार्मिक भेदभाव को मिटाने का मार्ग दिखाया। उन्होंने अमीर–गरीब, ऊँच–नीच, स्त्री–पुरुष — सभी को समान माना। जब दुनिया जात-पात में उलझी हुई थी, तब गुरु नानक देव जी ने सबको एक ही प्रभु की संतान बताया।

इस एपिसोड को देखने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि गुरु नानक देव जी का जीवन और उनके संदेश आज की दुनिया में और भी अधिक प्रासंगिक हैं, जहाँ धर्म, भाषा और जाति के नाम पर भेदभाव बढ़ता जा रहा है।

गुरु नानक जी की विचारधारा हमें जोड़ने और प्रेम फैलाने की प्रेरणा देती है।

"नाम जपो, सच्चा पथ अपनाओ,
गुरु नानक जी की राह चलो, मोक्ष को पाओ।"

– ललिता पाल

विनम्रता की शक्ति: गुरु नानक जी की यात्राओं से सीख - रीना देवी

 

"विनम्रता की छाप" — यह शीर्षक स्वयं में बहुत गहराई लिए हुए है। इससे मैंने महसूस किया कि विनम्रता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि एक महान शक्ति है, जो किसी भी व्यक्ति को भीतर से बड़ा बनाती है। गुरु नानक जी की यात्रा केवल भौगोलिक नहीं थी, बल्कि यह आत्मा की यात्रा थी — ऐसी यात्रा जो सिखाती है कि विनम्रता से ही संसार जीता जा सकता है। यह एपिसोड हमें याद दिलाता है कि सच्चे प्रभाव की शुरुआत विनम्र हृदय से होती है। एक विनम्र व्यक्ति शब्दों से नहीं, अपने कर्मों से प्रभाव छोड़ता है। जब अमरदीप सिंह जी इस एपिसोड को साझा करते हैं, तो यह केवल सीख ही नहीं देता, बल्कि आत्मा को भी छू जाता है।

विनम्रता ऐसा गुण है, जो व्यक्ति को महान बनाता है — भले ही वह स्वयं को कभी महान न माने।
गुरु नानक जी की यात्रा में विनम्रता की छाप हर स्थान पर स्पष्ट दिखाई देती है। विनम्रता कोई दिखावे की चीज नहीं, यह आत्मा का स्वाभाविक गुण है। जब कोई व्यक्ति हज़ार उपलब्धियाँ प्राप्त करने के बाद भी सहज और सरल बना रहता है, तभी वह सच्चा विनम्र कहलाता है। गुरु नानक देव जी की यात्राएँ इसी बात का उदाहरण हैं — वे राजमहल में भी उतने ही विनम्र थे, जितने किसी गाँव के कच्चे घर में।

"विनम्रता वह आईना है जिसमें आत्मा की असली खूबसूरती दिखाई देती है।"

विनम्रता किसी भी व्यक्ति की सबसे सुंदर पहचान होती है। यह शब्दों से नहीं, व्यवहार से झलकती है।
गुरु नानक देव जी की यात्राएँ विनम्रता की जीवंत मिसाल हैं — जहाँ उन्होंने हर जाति और समाज को बराबरी और प्रेम का संदेश दिया।

"विनम्रता वह झरना है, जो नीचे बहता है, पर राह को जीवन देता है।"

जब हमारे मन से घमंड मिटता है, तभी सच्ची विनम्रता जन्म लेती है।
विनम्र व्यक्ति आलोचना में भी अवसर देखते हैं और प्रशंसा में भी विनय बनाए रखते हैं।

असली प्रभाव वही होता है, जो दिल में उतर जाए — बिना शोर, बिना घमंड।

"झुके हुए पेड़ फल देते हैं, और झुका हुआ मन शांति देता है।"

— रीना देवी

"विनम्रता की छाप" — गुरु नानक देव जी से सीखा जीवन का सार - स्वाति

 गुरु नानक देव जी के जीवन-यात्रा पर आधारित इस एपिसोड में "विनम्रता की छाप" विषय ने मेरे मन को बहुत गहराई से छुआ। अमरदीप सिंह जी के माध्यम से जब मैंने इस प्रसंग को सुना और देखा, तो मुझे यह महसूस हुआ कि विनम्रता केवल एक गुण नहीं, बल्कि एक शक्ति है—जो बिना शब्दों के भी दूसरों के दिल को छू जाती है।

गुरु नानक देव जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व और महानता तभी संभव है जब हम अपने अहंकार को त्यागकर, दूसरों की बातों को समझें, उनका सम्मान करें और सभी के साथ आदरपूर्वक व्यवहार करें

आज के समय में, जब हर कोई स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में लगा है, यह एपिसोड हमें शांति, सच्चाई, और मानवता से भरे जीवन की ओर ले जाता है।
विनम्रता कोई दिखावा नहीं है, यह तो हमारे भीतर ही होती है — बस हमें खुद को पहचानने की आवश्यकता होती है। यही इंसान की असली सुंदरता है।

इस एपिसोड ने मेरे मन में एक विचार जगाया — अगर हम सभी अपने जीवन में थोड़ी-सी भी विनम्रता अपना लें, तो यह समाज और दुनिया एक सुंदर और शांतिपूर्ण स्थान बन सकती है।

यह एपिसोड केवल गुरु नानक देव जी के विचारों को जानने का माध्यम नहीं था, बल्कि उन्हें समझने और मनन करने का एक अवसर भी बना।

इस अनुभव से मैंने यह सीखा कि जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए झुकना ज़रूरी होता है — जैसे फलदार पेड़ हमेशा झुका होता है।
विनम्र व्यक्ति हर जगह स्वीकार किया जाता है, क्योंकि उसमें दूसरों को अपनाने की शक्ति होती है।
और सबसे बड़ी बात —
"विनम्रता की छाप शब्दों से नहीं, व्यवहार से झलकती है।"

 "विनम्रता एक सुगंध की तरह है, जो बिना दिखे हर दिल में जगह बना लेती है।" 

— स्वाति

Tuesday, 22 July 2025

प्रयास का महत्व और सफलता का मार्ग - सनबीम ग्रामीण स्कूल



देने का जज़्बा का अर्थ है — किसी को कुछ देने या सहायता प्रदान करने की भावना या इच्छा। यह एक सकारात्मक और सहायक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहाँ व्यक्ति दूसरों की मदद करने या उन्हें कुछ देने के लिए तत्पर रहता है। इस जज़्बे में सेवा, सहयोग और उदारता की भावना शामिल होती है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करती है। "The joy of giving, The willingness to give"

यदि आपके मन में किसी को कुछ देने का जज़्बा है, तो आप बिना किसी वित्तीय साधन के भी किसी की सहायता कर सकते हैं। जैसे – किसी की विकट स्थिति में उसके साथ समय बिताकर, उसे सहारा देकर, या अपनी सेवा से मदद कर सकते हैं। किसी रोते हुए को हँसाना या किसी दुखी व्यक्ति से बात करके उसके मन का बोझ हल्का करना भी एक प्रकार की मदद है, जिसे हम उदार हृदय से कर सकते हैं। इसके लिए सबसे ज़रूरी यह है कि हमारे मन में दूसरों की मदद करने की सच्ची इच्छा हो।
नैन्सी मौर्या

देने का जज़्बा रखने वालों का हृदय उदार होना चाहिए।
उदार होना एक ऐसा गुण है जो किसी भी व्यक्ति में हो सकता है — फिर चाहे वह अमीर हो या गरीब। यह मायने नहीं रखता कि हमारे पास कितना धन है, बल्कि यह ज़रूरी है कि हमारे मन में दूसरों की किसी भी प्रकार से मदद करने की सच्ची इच्छा हो। अगर हमारे भीतर सहायता करने की लगन है, तो हम बिना अमीर हुए भी किसी की सहायता कर सकते हैं। उदार हृदय एक ऐसी भावना है, जो किसी की मदद करने की सच्ची इच्छा से उत्पन्न होती है। यह इस बात से तय नहीं होती कि किसी के पास कितना पैसा है।

देने का जज़्बा रखने वाले लोग अपनी सेवा भावना से भी लोगों की सहायता कर सकते हैं। किसी की कठिन परिस्थिति में उसके साथ खड़े रहना, उसका मनोबल बढ़ाना — यह सब किसी व्यक्ति के दयालुता भरे स्वभाव को दर्शाते हैं। कहने का आशय यह है कि उदारता एक ऐसा गुण है, जो किसी में भी हो सकता है। क्योंकि देने का जज़्बा उसी व्यक्ति में होता है, जिसका हृदय करुण और संवेदनशील होता है।
शिखा

 विद्यार्थी पंचलक्षणम्
विद्यार्थी के पाँच लक्षण होते हैं —
काक चेष्टा – विद्यार्थी को पढ़ाई करने में कौए की तरह लगातार प्रयास करते रहना चाहिए।
वको ध्यानम् – पढ़ाई में बगुले की तरह एकाग्र और स्थिर ध्यान लगाना चाहिए।
गृहत्यागी – विद्यार्थी को अध्ययन के लिए संयम से रहना चाहिए, और यदि आवश्यक हो, तो घर का आराम छोड़कर तप करने का भाव रखना चाहिए।
स्वान निद्रा – विद्यार्थी को कम सोना चाहिए और अधिक समय पढ़ाई में लगाना चाहिए।
अल्पाहारी – विद्यार्थी को अधिक भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ज़्यादा भोजन से आलस्य और नींद आती है, जिससे पढ़ाई में बाधा आती है।
विशाखा

"सफलता कभी अंतिम नहीं होती, असफलता कभी घातक नहीं होती।"
सफलता स्थायी नहीं होती और असफलता भी हमेशा नहीं रहती। जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है — निरंतर प्रयास।

विद्यार्थी पंचलक्षणम् का यही संदेश है कि विद्यार्थी को हमेशा मेहनती, एकाग्र, संयमी और निरंतर प्रयासशील होना चाहिए। हमें अपने जीवन में हर कार्य को पूरा मन लगाकर, निरंतर प्रयास करते हुए करना चाहिए। यही मार्ग हमें सच्ची सफलता की ओर ले जाता है।
सीमा

देने का जज़्बा - Sakshi Pal

"देने का जज़्बा" एक ऐसा अध्याय है, जो हमारे हृदय को छू जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन का असली सौंदर्य तभी है, जब हम दूसरों के लिए कुछ करते हैं। इस पाठ से यह स्पष्ट होता है कि जिंदगी का सबसे खूबसूरत पहलू दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाना है। हम अक्सर सोचते हैं कि हमारे पास बहुत काम है, लेकिन जब हम अपने छोटे से हिस्से से भी किसी की मदद करते हैं, तो उसका असर बहुत बड़ा होता है।

True giving doesn't depend on wealth, it depends on will.

यह अध्याय बताता है कि देने की कोई सीमा नहीं होती। हम चाहें तो अपने शब्दों, अपने समय और अपने स्नेह से भी किसी की सहायता कर सकते हैं। आज की दुनिया में, जहां हर कोई सिर्फ अपने बारे में सोचता है, वहां देने की भावना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। जब कोई व्यक्ति नि:स्वार्थ होकर देता है, तो वह समाज के लिए एक उदाहरण बन जाता है। Selfless giving is rare, but powerful.

इस अध्याय में हमें यह सिखाया गया है कि "देने" का मतलब सिर्फ धन देना नहीं है — एक सहानुभूतिपूर्ण बात, मदद का हाथ, समय देना — ये सब भी देने की श्रेणी में आते हैं।
Even giving time and attention is a beautiful act of kindness.

मुझे इस पाठ से यह समझ आया कि हमें बच्चों को शुरू से ही देने की आदत सिखानी चाहिए, ताकि वे बड़े होकर संवेदनशील और दयालु इंसान बन सकें।
Good values must be taught early.

यदि हम सब मिलकर थोड़ा-थोड़ा भी योगदान दें, तो समाज में बड़ा बदलाव आ सकता है। हम अपने आस-पास के लोगों की छोटी-छोटी ज़रूरतें देखकर भी मदद कर सकते हैं — किसी ग़रीब बच्चे को किताब देना, किसी बीमार को समय पर दवाई दिला देना, किसी अकेले बुज़ुर्ग से बात कर लेना — ये सब देने के ही रूप हैं। इस अध्याय ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया। अब मैं हर दिन सोचती हूं — “आज मैंने किसी के लिए क्या किया?”

What did I give today? अगर हम सब यह सवाल खुद से रोज़ पूछने लगें, तो दुनिया एक बेहतर जगह बन सकती है। "देने का जज़्बा" सिर्फ एक कहानी नहीं है, यह एक संदेश है, एक प्रेरणा है, एक मिशन है — जिसे हर इंसान को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

Sakshi Pal, Arthur Foot Academy

Friday, 18 July 2025

देने का जज़्बा: मानवता की सच्ची पहचान -- Lalita Pal

 

"The real richness is not in having much but in giving more."

"सच्चा धन अधिक पाने में नहीं, अधिक देने में है।"

देने का जज़्बा हर इंसान के भीतर होना चाहिए। यह न केवल मनुष्य को बड़ा बनाता है, बल्कि उसे महान भी बनाता है। बिना किसी स्वार्थ के किसी की मदद करना — चाहे समय देना हो, प्रेम हो या दान — यह एक सकारात्मक और प्रेरणादायक भावना है। देना केवल धन या वस्तुएं देना नहीं है; मुस्कान, सहानुभूति और सहयोग भी देना होता है। एक शिक्षक का ज्ञान देना, एक मां का स्नेह देना, एक दोस्त का दुख में साथ देना — सब देने के रूप हैं।

देने की भावना से समाज में प्रेम, भाईचारा और सहयोग बढ़ता है। यह हमें निस्वार्थ बनाती है और दूसरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा देती है। यही भावना हमें देशभक्तों, डॉक्टरों, सैनिकों और समाजसेवकों में देखने को मिलती है, जो बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करते हैं। प्रकृति से भी हम यह भावना सीख सकते हैं — सूरज हमें रोशनी देता है, पेड़ फल और हवा देते हैं, नदियाँ जल देती हैं — वह भी बिना कुछ माँगे।

हर इंसान कुछ पाने की चाह रखता है, लेकिन असली सुख पाने में नहीं, देने में है। देने का जज़्बा किसी की ज़िंदगी बदल सकता है और यही सच्चा सुख देता है। कुछ लोग बहुत कुछ होने के बावजूद भी अभिमान में रहते हैं और मदद नहीं करते। ऐसे में वह बड़ा होना व्यर्थ हो जाता है। अगर हमारे पास साधन हैं और फिर भी हम किसी की मदद नहीं करते, तो वह अवसर खो देना हमारे मानव होने के उद्देश्य से दूर जाना है।

- Lalita Pal

Saturday, 12 July 2025

संकल्प का असली अर्थ: शुरुआत से निभाने तक की यात्रा – Lalita Pal

"This life is one, and time is also limited, so live for yourself rather than waste it on others." 😊

हर नया संकल्प एक बीज की तरह होता है, जिसे यदि सही वातावरण, नियमित देखभाल और समय मिले, तो वह वटवृक्ष बन सकता है। लेकिन क्या हम उस बीज को समय पर पानी देते हैं?
क्या हम उसे सूरज की रोशनी में ले जाते हैं? या हम सिर्फ संकल्प करके उसे भूल जाते हैं?

"Everything is easy when you are busy, but nothing is easy when you are lazy." 😊

संकल्प लेना आसान है—"मैं रोज ध्यान करूंगी"—पर क्या हमने कभी पीछे मुड़कर देखा कि हमने कितनी बार अपने ही संकल्पों से मुंह मोड़ा? संकल्प लेना आसान था—कुछ शब्द, एक भावना और मन में एक तस्वीर।
लेकिन उसे निभाना कठिन था। वो सुबह जल्दी उठना, बार-बार मन को समझाना, पुरानी आदतों से लड़ना—यही असली तप था। अब जब पीछे मुड़कर देखती हूं, तो सोचती हूं: क्या मेरा संकल्प सिर्फ एक प्रेरणा थी, या वो सच में मेरी आत्मा की पुकार थी? शुरुआत में जो जोश था, वो धीरे-धीरे थम गया—शायद इसलिए क्योंकि मैंने संकल्प लिया था, पर उसकी जिम्मेदारी को पूरी तरह अपनाया नहीं था। या शायद इसलिए कि मैं बैठी थी ये सोचने कि मैं सच में क्यों बदलना चाहती हूं?

कभी-कभी लगता है कि संकल्प लेना तो आसान है—बस कुछ अच्छा सोचो, कुछ प्रेरक लाइनें पढ़ो और खुद से वादा कर लो। पर असली चुनौती है हर दिन उस वादे को निभाना। जब मन कहता है, "छोड़ न, कल से फिर कर लेंगे," तब खुद को पकड़ कर खड़ा करना ही असली संकल्प है। मैंने कई बार संकल्प लिए—कभी उत्साह में, कभी भावनाओं में बहकर, कभी दूसरों को देखकर और कभी खुद को सच्चे मन से बदलने की चाह में।

"Remember, nothing is impossible for you.
You can do what you never thought." 🙂

– Lalita Pal

Friday, 11 July 2025

संकल्प' पाठ पर आत्मचिंतन - Sakshi Pal

 

‘संकल्प’ पाठ मेरे लिए एक बहुत ही प्रेरणादायक और सीखों से भरा हुआ अनुभव रहा। यह पाठ न केवल हमें अपने जीवन में उद्देश्य निर्धारित करने की प्रेरणा देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और ईमानदारी से किया गया संकल्प हमें किसी भी मंज़िल तक पहुँचा सकता है।

जब मैंने यह पाठ सुना, तो मुझे महसूस हुआ कि हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है जब उसे यह तय करना होता है कि वह किस दिशा में जाना चाहता है।

इस पाठ ने मुझे अपने लक्ष्यों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर किया।
मैंने महसूस किया कि केवल सपना देखना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि उसे पूरा करने का संकल्प उतना ही आवश्यक होता है।

इस पाठ में जिस प्रकार पात्रों ने अपने जीवन को एक ठोस संकल्प के साथ आगे बढ़ाया, वह मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
इस कहानी ने मुझे यह सिखाया कि सफलता कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह संकल्प और निरंतर प्रयास का परिणाम होती है।

हमें अपने जीवन में किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले यह ठान लेना चाहिए कि चाहे कैसी भी कठिनाई आए, हम पीछे नहीं हटेंगे। इस पाठ ने मुझे आत्म-निरीक्षण करने का अवसर भी दिया।
मैंने खुद से पूछा —
क्या मैं भी अपने लक्ष्यों को लेकर उतनी ही गंभीर हूँ?
क्या मैं भी ऐसा कोई संकल्प ले सकती हूँ, जिसे मैं अपने जीवन की दिशा बना सकूँ?

यह केवल एक कहानी नहीं थी—बल्कि एक दर्पण था, जो मुझे यह दिखा रहा था कि मैं कहाँ खड़ी हूँ और कहाँ तक जा सकती हूँ।
मैंने यह भी सीखा कि जीवन में कई बार रुकावटें आएँगी, लोग आलोचना करेंगे, लेकिन अगर हमारा संकल्प सच्चा है, तो हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।
हमें असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

संकल्प हमें न केवल लक्ष्य की ओर ले जाता है, बल्कि हमें भीतर से भी मजबूत बनाता है। यह हमें सिखाता है कि जब पूरी दुनिया हमारे खिलाफ हो, तब भी अगर हम अपने आत्मबल पर विश्वास रखें, तो हर असंभव कार्य भी संभव हो सकता है।
यह हमारे चरित्र का निर्माण करता है और हमें बार-बार गिरकर फिर उठने की ताक़त देता है।

मैंने यह भी अनुभव किया कि संकल्प एक ऐसी शक्ति है, जो हमें आलस्य, भय और असमर्थता से निकालकर कर्म, साहस और सफलता की ओर ले जाती है। यह पाठ न केवल ज्ञान का स्रोत है, बल्कि जीवन में जागरूकता और प्रेरणा का माध्यम भी बना।

अब मैं यह ठान चुकी हूँ कि चाहे पढ़ाई हो या जीवन का कोई भी क्षेत्र, मैं पूरे मन से प्रयास करूँगी और अपने हर छोटे-बड़े लक्ष्य के लिए एक दृढ़ संकल्प लूँगी।

**अंत में मैं कहना चाहूँगी—
‘संकल्प’ केवल एक पाठ नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक मार्गदर्शन है।
यह हमें सिखाता है कि यदि हमारी नीयत और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
"With firm resolve and pure intentions, success is just a matter of time."

- Sakshi Pal

संकल्प - Swati

 

जब हम अपने मन से कोई ठोस संकल्प लेते हैं, तो वह केवल एक विचार नहीं होता—वह एक दिशा बन जाता है। यह एक लक्ष्य की ओर बढ़ने का पहला मजबूत कदम होता है। मेरे लिए संकल्प सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि यह आत्मबल और आत्मविश्वास की यात्रा की शुरुआत है। बचपन से ही हमने सीखा है कि "जहाँ चाह, वहाँ राह"। जब हम मन से किसी लक्ष्य की ओर बढ़ने लगते हैं, तो रास्ते भी खुद-ब-खुद बनते चले जाते हैं। मेरे जीवन में जब भी कोई परेशानी आई, मैंने महसूस किया कि मेरा संकल्प ही था जिसने मुझे आगे बढ़ने का हौसला दिया।

Sankalp is not just a promise to the world – it is a deep commitment to your own soul.

मैंने अनुभव किया है कि जब संकल्प दिल से लिया जाए, तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में मदद करती है। फिर चाहे वह पढ़ाई का लक्ष्य हो, किसी की मदद करने का इरादा हो, या खुद को और बेहतर बनाने की चाह—दिल से लिया गया संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाता। संकल्प हमें अनुशासन सिखाता है। यह हमारे विचारों को दिशा देता है और हमारे कर्मों को अर्थ। यह हमें भीतर से मजबूत बनाता है, ताकि हम जीवन की हर चुनौती का डटकर सामना करें, न कि उससे डरें।

It is the foundation of every achievement. Great journeys begin with small decisions – and Sankalp is that first step.

आज के इस डिजिटल युग में, जहाँ ध्यान भटकाना आसान है, वहीं संकल्प हमें अपनी दिशा याद दिलाता है। यह हमारी सोच को स्पष्ट करता है और हमारे उद्देश्य को जीवन का हिस्सा बना देता है।

अंत में मैं यही कहूँगी:

"संकल्प कोई दिखावे की चीज़ नहीं, बल्कि आत्मा की आवाज़ है, जो हमें खुद से मिलाती है।"

Take your Sankalp seriously – because your future is waiting to be shaped by it.

संकल्प का मतलब है खुद से किया गया वादा। यह वादा हमें तब मजबूती देता है, जब दुनिया हमें कमजोर समझती है।

Every day counts. Small steps matter.
मैंने सीखा है कि संकल्प लेने के बाद हर दिन मेहनत ज़रूरी होती है। हर छोटी कोशिश एक बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता कदम होती है।

Never stop. Never quit.
संकल्प केवल हमें मंज़िल की ओर नहीं ले जाता, बल्कि हमें खुद को समझने और जानने का रास्ता भी देता है। यह हमारे मन के भीतर छुपे विचारों को बाहर लाता है और हमारी आंतरिक क्षमताओं को पहचानने का अवसर देता है।

मैंने अपने जीवन में महसूस किया है कि—

"जब रास्ते कठिन होते हैं, तो हर कोई साथ छोड़ देता है; केवल संकल्प ही होता है जो हमारे साथ रहकर जीवन में दिशा दिखाता है।"

Don't give up. Walk alone if needed.

"संकल्प लो, फिर खुद को भूल जाओ – बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाओ।"
Small start. Big dream. Strong will. That's Sankalp.

"वक़्त चाहे जितना भी लगे, पर अगर संकल्प सच्चा है, तो मंज़िल ज़रूर मिलेगी।"

स्वाति


संकल्प: आत्मनिर्माण की दिशा में एक प्रतिबद्ध कदम - रीना देवी

 

“One who believes in their determination has already conquered half the journey.”

संकल्प’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब हम कोई संकल्प लेते हैं, तो वह हमारी सोचने की शक्ति को बढ़ाता है। सोच से लिए गए संकल्प न केवल हमें आगे बढ़ाते हैं, बल्कि कठिनाइयों में भी हमें मजबूती से खड़े रहने और उनका सामना करने की ताक़त देते हैं।

संकल्प लेने से पहले यह ज़रूरी है कि हम स्वयं को समझें—हमारी इच्छाओं को, हमारे लक्ष्यों को। तभी हम उन्हें सही राह दिखा सकते हैं।
संकल्प एक बार लिया जाता है, लेकिन उसकी परीक्षा हर दिन होती है।
जब आलस्य आए, जब निराशा घेर ले, तब हमारी सोच ही हमें याद दिलाती है कि हमने क्या चुना था, और क्यों चुना था।

जब सोच स्पष्ट होती है, तो संकल्प में शक्ति होती है; और जब संकल्प मजबूत होता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

संकल्प केवल एक लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं है—यह आत्म-निर्माण का मार्ग है।
एक सच्चा संकल्प न केवल व्यक्ति को ऊँचाइयों तक ले जाता है, बल्कि उसे सही दिशा भी देता है।

इतिहास गवाह है कि जिन्होंने सच्चे संकल्प किए, उन्होंने असंभव को भी संभव बना दिया।
महात्मा गांधी का स्वतंत्रता के प्रति संकल्प हमें यह सिखाता है कि एक विचार, एक निश्चय—कैसे सम्पूर्ण राष्ट्र की दिशा बदल सकता है।

“When determination is strong, the path creates itself.”

संकल्प एक छोटा-सा शब्द है, लेकिन इसका अर्थ अत्यंत गहरा है।
It means a strong will—a firm decision made with oneself.
यह एक विचार मात्र नहीं, बल्कि एक commitment है, जो हमें हमारे लक्ष्यों तक पहुँचाने में मदद करता है।

जब हम कोई संकल्प लेते हैं, तो हम अपने comfort zone से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं। यह आसान नहीं होता, लेकिन वहीं से हमारी growth की शुरुआत होती है।

हम सभी ने कभी न कभी कोई न कोई संकल्प लिया होगा—चाहे पढ़ाई में अच्छा करने का, समय का सदुपयोग करने का, माता-पिता का सम्मान करने का, या समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का।

परंतु मैंने अपने अनुभव से यह सीखा है कि संकल्प केवल लेना पर्याप्त नहीं होता; उसे निभाने के लिए आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर प्रयास आवश्यक होते हैं।

संकल्प लेना जितना आसान है, उसे निभाना उतना ही कठिन। लेकिन जब हम अपने संकल्प से सच्चा लगाव रखते हैं, तब हर कठिनाई छोटी लगने लगती है। आत्मविश्वास, समय का सदुपयोग, और निरंतर प्रयास—यही संकल्प की सच्ची पहचान हैं।

संकल्प का अर्थ है—अपने आप से किया गया एक वादा।
जब हम कोई लक्ष्य तय करते हैं और उसे पूरा करने का संकल्प लेते हैं, तो वह हमें अपने कर्तव्य की याद दिलाता है और distractions से दूर रखकर focus बनाए रखने की प्रेरणा देता है। एक छोटा-सा संकल्प भी जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है, बशर्ते हम उसे sincerely निभाएं।

मेरा स्वयं का संकल्प:
जिस विद्यालय की मैं प्रधानाचार्य हूँ—Arthur Foot Academy—वहाँ के बच्चे बहुत आगे जाएँ, आसमान की ऊँचाइयों को छुएँ, और यह विद्यालय पूरे समाज और देश में अपना नाम रोशन करे। मैं अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और लगन से करूँ, यही मेरा संकल्प है।

जहाँ कहीं भी मुझे मेरे विद्यालय का नाम सुनाई दे, वहीं मेरा गर्व और उद्देश्य पूरा होता है।

मैं विशेष धन्यवाद देना चाहती हूँ Sandeep Sir को, जिनकी इस पुस्तक के माध्यम से मुझे अपने विचार साझा करने का सौभाग्य मिला।

रीना देवी, 
प्रधानाचार्य
Arthur Foot Academy

संकल्प: आत्मबल और विश्वास का आधार - सिमरन कौर

"अगर मन में विश्वास हो, तो रास्ते बन ही जाते हैं।"

संकल्प’ पाठ से मैंने यह सीखा है कि संकल्प एक ऐसा दृढ़ निश्चय है, जिसमें एक बार किसी कार्य को करने का निर्णय ले लिया जाए, तो फिर पीछे हटना नहीं चाहिए।
इसलिए किसी भी काम को शुरू करने से पहले यह ठान लेना ज़रूरी है कि — "मुझे यह कार्य करना है, और किसी भी परिस्थिति में इसे पूरा करके ही रहना है।"

जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों न आ जाए — चाहे वह अनुकूल हो या प्रतिकूल — हमें अपने संकल्प पर टिके रहना चाहिए। जैसे मैं सिमरन, वर्तमान में बीएससी कर रही हूँ, तो मैंने यह ठान लिया है कि मैं यह कोर्स पूरा करके ही रहूँगी। चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, मैं पीछे नहीं हटूँगी।

जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन मेरा संकल्प मुझे लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। मैं Arthur Foot Academy में बच्चों को विज्ञान पढ़ाती हूँ। कभी-कभी कोई विषय ऐसा होता है जो मुझे स्वयं भी ठीक से नहीं आता, लेकिन मैं उसे सीखने का पूरा प्रयास करती हूँ।

मैंने अपने मन में यह ठान रखा है कि मैं जल्दी ही उसे सीख जाऊँगी। अगर सीखने की इच्छा हो, तो कोई भी व्यक्ति कुछ भी सीख सकता है, और फिर वही ज्ञान दूसरों को भी सिखा सकता है। परंतु सीखने और सिखाने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत ज़रूरी है। जब हम यह संकल्प लेते हैं कि "मुझे यह कार्य पूरा करना है," तो आत्मबल बढ़ता है और कार्य के प्रति समर्पण भी। कभी-कभी जीवन में ऐसा भी होता है कि हमने कोई कार्य पूरी मेहनत, लगन और सच्चाई से किया, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिलती। ऐसे समय में मनोबल टूट सकता है, लेकिन हमें अपने संकल्प को याद करना चाहिए।

हमें यह सोचना चाहिए कि —
"मैंने यह कार्य अपने मन से, अपनी इच्छा से चुना था, और मैंने खुद से वादा किया था कि मैं इसे पूरा करूँगी।"

‘संकल्प’ पाठ से मुझे यह सीख मिली कि

  • हार नहीं माननी चाहिए,

  • अपने ऊपर विश्वास रखना चाहिए,

  • और जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए।

हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि "मैं यह काम नहीं कर सकती/सकता,"
बल्कि यह सोचना चाहिए — "मैं कर सकती हूँ और करूँगी।"

संकल्प ही वह शक्ति है जो हमें कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहने और लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करती है।

-सिमरन कौर

संकल्प: सफलता की ओर पहला कदम – रूबल कौर

 

"हमेशा ध्यान रखें कि हमारा सफल होने का संकल्प, किसी और संकल्प से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।"

संकल्प का अर्थ है – कोई मजबूत और पक्का निर्णय लेना। जब हम किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए लगातार और पूरी मेहनत से प्रयास करते हैं। जब तक उस कार्य में सफलता न मिल जाए, तब तक हम हार नहीं मानते — यही सच्चा संकल्प कहलाता है। अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो संकल्प बहुत ज़रूरी है।

संकल्प हमें दिशा देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और मेहनत करने की शक्ति देता है।

सच्चा संकल्प वही होता है जिसे हम दिल से लें और पूरे मन से निभाएँ —
चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएँ, हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है।
हमें अपने कदमों को आगे की ओर ले जाना है और सफलता के मार्ग पर दृढ़ता से चलते रहना है। जब कोई व्यक्ति संकल्प लेता है, तो वह अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहता है। वह कठिनाइयों से नहीं डरता और निरंतर प्रयास करता है। यही निरंतर प्रयास उसे सफलता की ओर ले जाता है।

संकल्प हमें यह सिखाता है कि –
अगर हम किसी भी काम को नियमित रूप से, ईमानदारी से और मेहनत के साथ करें, तो हम निश्चित ही सफल होंगे। ‘संकल्प’ एक प्रेरणादायक पाठ है, जो यह सिखाता है कि अगर हमारे अंदर कुछ कर दिखाने की सच्ची इच्छा हो, तो हम कोई भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। संकल्प एक ऐसी शक्ति है, जो हमें ठोस निर्णय लेने और उन्हें निभाने की प्रेरणा देती है। यह हमारे सपनों और इच्छाओं को स्पष्ट रूप से देखने, उन्हें समझने और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने का साहस देता है।

संकल्प यह भी सिखाता है कि —
किसी काम में असफल होना बुरी बात नहीं है।
गलती यह होती है कि हम असफलता से डरकर दोबारा प्रयास ही न करें।
ऐसी स्थिति में हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और फिर से मजबूत संकल्प के साथ शुरुआत करनी चाहिए।
“Regular efforts make impossible things possible.”

इस पाठ से मुझे यह प्रेरणा भी मिली कि हमें अपने जीवन में अच्छे और सार्थक संकल्प लेने चाहिए –
जैसे:

  • हर साल एक पेड़ लगाना,

  • पौधों को नियमित रूप से पानी देना,

  • अपने आस-पास सफाई रखना,

  • और प्रकृति से मित्रता करना।

संकल्प न केवल एक विचार है, बल्कि वह आंतरिक शक्ति है जो हमारे चरित्र को आकार देती है और हमें सफलता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

- रूबल कौर

Friday, 13 June 2025

मुस्कान बाँटने का सुख: खुशियाँ देना ही सच्ची खुशी है - Swati

 

दूसरों को खुशियाँ देना एक बहुत ही beautiful feeling होती है। जब हम किसी और को smile देते हैं, मदद करते हैं, या उनके दुःख में साथ देते हैं — उन्हें ही खुशी नहीं होती, बल्कि हम खुद भी अंदर से happy महसूस करते हैं।

हमारी छोटी-छोटी बातें, जैसे किसी की तारीफ़ करना, किसी का सहारा बनना, या सिर्फ़ किसी की बातों को ध्यान से सुनना — ऐसा करने से भी दूसरे इंसान को खुशी मिलती है। ऐसा करने से हम किसी का दिन bright बना सकते हैं। ऐसे society में positive energy फैलती है और हम सब का जीवन और बेहतर बनता है। दूसरों को खुश करने के लिए बहुत बड़ी चीज़ों की ज़रूरत नहीं होती। एक thank you, एक प्यारी सी smile या एक helping hand भी मायने रखता है। इस पाठ से सीख मिलती है कि —

  • सच्ची खुशी बाँटने में है। जो हम दूसरों को देंगे, वही हमें वापस मिलेगा। और इस दुनिया को अच्छा बनाने का सबसे आसान तरीका है — किसी के face पर एक छोटी सी smile ले आना।

जब हम दूसरों को खुश करते हैं, तो असल में हम अपने मन को भी peaceful और joyful बनाते हैं। इसलिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हम दूसरों की मदद करें, प्यार दें, और positive सोच फैलाएँ। यही एक अच्छा समाज और अच्छा इंसान बनाता है।

"The biggest service is bringing a smile to someone's face." 😊

Swati

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