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Sunday, 31 August 2025

फलता का असली सूत्र - Swati Tripathi

"Having a goal and understanding the situation are not enough"

“लक्ष्य होना और स्थिति को समझना”— ये दोनों चीज़ें ज़रूरी तो हैं, लेकिन अकेले पर्याप्त नहीं हैं। मान लीजिए आपके पास एक लक्ष्य है और आप परिस्थिति को अच्छे से समझ भी रहे हैं, फिर भी अगर: योजना (planning) नहीं है,लगातार प्रयास (consistent action) नहीं है, अनुशासन और धैर्य (discipline & patience) नहीं है, तो केवल लक्ष्य और समझ आपको मंज़िल तक नहीं पहुँचाएँगे।

उदाहरण: क्रिकेट खिलाड़ी को पता है कि मैच जीतना है (goal) और पिच की हालत भी समझ में आ गई (situation), लेकिन अगर उसने प्रैक्टिस नहीं की, सही रणनीति नहीं बनाई और मेहनत नहीं की, तो जीतना मुश्किल हो जाएगा।

यानी असली सफलता के लिए लक्ष्य + स्थिति की समझ + योजना + मेहनत + निरंतरता। इसके अलावा कई ऐसी बाते है जो हमे होने लक्ष्यों को प्राप्त करने मव मदद करती है जैसे-

Action plan + Self assessment + flexibility + efforts  इन सब बातो से हम प्रभावी ढंग से कार्य कर सकते है।

Swati Tripathi 
Sunbeam Gramin School

लक्ष्य: जीवन की दिशा और सफलता की कुंजी - साक्षी खन्ना

जीवन में लक्ष्य होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि बिना लक्ष्य का जीवन अधूरा और दिशाहीन हो जाता है। लक्ष्य वह दीपक है, जो अंधेरे रास्ते में भी हमें सही दिशा दिखाता है। यदि इंसान के पास लक्ष्य न हो तो उसकी मेहनत और प्रतिभा बेकार हो सकती है, क्योंकि उसे पता ही नहीं होगा कि उसे किस ओर बढ़ना है। लक्ष्य हमें मेहनती, अनुशासित और आत्मविश्वासी बनाता है। जब हम एक निश्चित उद्देश्य तय करते हैं, तो हमारी पूरी ऊर्जा उसी दिशा में लगती है। रास्ते में चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं, लक्ष्य की प्रेरणा हमें हार मानने से रोकती है।

जीवन का लक्ष्य केवल अपने लिए सफलता या धन कमाना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसा होना चाहिए जिससे समाज, परिवार और देश का भी भला हो। सही लक्ष्य वही है जो हमें संतोष और दूसरों को खुशी दे। हर व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य होना चाहिए, क्योंकि यही लक्ष्य हमारी मेहनत को सार्थक बनाता है और जीवन को अर्थपूर्ण दिशा देता है। लक्ष्य हमें यह एहसास दिलाता है कि हम कौन हैं और हमें क्या बनना है। यह हमारी क्षमताओं को पहचानने और उन्हें सही दिशा देने का साधन है। बिना लक्ष्य के हम चाहे कितनी ही ऊर्जा लगाएं, परिणाम अधूरे और बिखरे हुए ही मिलेंगे। जैसे कोई तीर बिना निशाने के छोड़ा जाए, वह कभी लक्ष्य पर नहीं लगेगा।

लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए संघर्ष अनिवार्य है। यदि सब सरल हो तो उसकी प्राप्ति का महत्व भी कम हो जाता है। संघर्ष ही हमें मेहनती, धैर्यवान और आत्मविश्वासी बनाता है। ठोकर हमें गिराने के लिए नहीं, बल्कि संभालना सिखाने के लिए होती है। हर असफलता यह बताती है कि हमने कहां कमी की और अगली बार कैसे और बेहतर किया जा सकता है।

लक्ष्य केवल सपनों से पूरे नहीं होते। उन्हें पाने के लिए कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है। अनुशासन वह कुंजी है, जो हर बंद दरवाजे को खोल सकती है। यदि हम समय का सम्मान करेंगे और निरंतरता बनाए रखेंगे, तो बड़ी से बड़ी मंज़िल भी सुलभ हो जाएगी।

साक्षी खन्ना, Arthur Foot Academy

लक्ष्यहीन जीवन अंधेरी राह जैसा है, और लक्ष्ययुक्त जीवन उजाले की तरह - Sakshi Pal

हमारे जीवन में लक्ष्य (Aim) का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। बिना लक्ष्य का जीवन ऐसे है जैसे नाव बिना पतवार के – न कोई दिशा होती है और न कोई गंतव्य। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में हमेशा एक निश्चित लक्ष्य तय करना चाहिए और उसके प्रति पूरी निष्ठा, परिश्रम और धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

लक्ष्य हमें प्रेरणा देता है, कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देता है और हमें सही दिशा में आगे बढ़ने का साहस प्रदान करता है। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें प्राप्त करना हमें आत्मविश्वास देता है और हमें बड़े सपनों की ओर ले जाता है। लक्ष्य हमें अनुशासनप्रिय बनाता है। जब हम जानते हैं कि हमें कहां पहुंचना है, तब हमारी ऊर्जा, हमारी सोच और हमारा हर प्रयास उसी दिशा में लगने लगता है। इस प्रक्रिया में कई बार कठिनाइयां आती हैं, लेकिन वही कठिनाइयां हमें मज़बूत और अनुभवी बनाती हैं।

इतिहास गवाह है कि जिन्होंने अपने जीवन में महान लक्ष्य तय किए, उन्होंने ही समाज और राष्ट्र को नई दिशा दी। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, डॉ० ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे व्यक्तित्व हमें बताते हैं कि बड़ा लक्ष्य केवल सपना नहीं होता, बल्कि वह कठोर मेहनत और निरंतर प्रयास से वास्तविकता में बदला जा सकता है।

इस पाठ से मैंने सीखा कि लक्ष्य निर्धारित करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उसके लिए कठोर मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास भी ज़रूरी है। बाधाएं आएंगी, असफलताएं मिलेंगी, परंतु यदि मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी मंज़िल असंभव नहीं।

आज के समय में हर छात्र को चाहिए कि वह अपने जीवन का उद्देश्य तय करे और उस पर पूरी लगन से काम करे। चाहे डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक, लेखक या कोई भी क्षेत्र क्यों न हो, यदि हम लक्ष्य स्पष्ट रखेंगे तो सफलता निश्चित रूप से हमारे कदम चूमेगी।

जब मैंने इस पाठ को पढ़ा तो मुझे भी महसूस हुआ कि अब मुझे अपने जीवन का लक्ष्य स्पष्ट रखना चाहिए और हर दिन उसी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। यह पाठ मेरे लिए प्रेरणा बन गया है कि मेहनत, धैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति से हम कोई भी सपना पूरा कर सकते हैं।

"सपने वो नहीं जो सोते समय आते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते!"

Sakshi Pal, Arthur Foot Academy

 

लक्ष्य: प्रेरणा, साहस और आत्मविश्वास का दीपक - Swati

"लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन वही रास्ता हमें मजबूत बनाता है।"

मैं अपने मन से लक्ष्य पर विचार करूं तो लक्ष्य मेरे लिए सिर्फ कोई मंज़िल नहीं है, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला दीपक है। लक्ष्य वह शक्ति है जो हमें हर कठिनाई के बावजूद आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जब मन थकने लगता है, हिम्मत डगमगाने लगती है, तब हमें लक्ष्य रास्ता दिखाता है कि हमने यह रास्ता क्यों चुना है। लक्ष्य का मतलब ऊँचाइयां छूना ही नहीं है, बल्कि सफ़र को अर्थ देना है।

"बिना लक्ष्य के जीवन ऐसा है, जैसे बिना दिशा की नाव – जो लहरों के भरोसे कहीं भी बह जाती है।"

मेरी नज़र में लक्ष्य हमें अनुशासन, धैर्य और आत्मविश्वास सिखाता है। यह हमारी क्षमताओं को परखता है और हमें खुद को बेहतर बनाने का अवसर देता है। लक्ष्य तभी सच होते हैं जब वे हमारे अंदर की सच्ची चाहत से जुड़े हों, न कि किसी और की उम्मीदों या दिखावे से। जब लक्ष्य हमारे मन से आता है, तब मुश्किलें भी सिर्फ़ रास्ते की परीक्षा लगती हैं और हम हर परीक्षा में और बेहतर बनते जाते हैं।

लक्ष्य तय करना एक साहसी कदम है, क्योंकि यह हमें आलस और कमजोरियों के सामने झुकने नहीं देता। यह हमें अपनी कमजोरियों को पहचानने का मौका देता है। कभी-कभी लक्ष्य बड़ा होने पर डर भी लगता है, पर उस समय याद रखना चाहिए कि लक्ष्य छोटे-छोटे कदमों का समूह होता है, जो हमें मंज़िल की ओर ले जाता है।

"लक्ष्य वह नहीं जो हमें दूर खड़ा दिखे, लक्ष्य वह है जो हमें हर रोज़ सुबह काम करने का बहाना दे।"

- Swati, Arthur Foot Academy

लक्ष्य: जीवन की दिशा और संघर्ष से सफलता तक - Lalita Pal

"Our goal is our greatest strength, giving us the courage to face every challenge."

लक्ष्य के बिना जीवन की दिशा निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। अगर हमने अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित नहीं किया तो हम अपनी मंज़िल को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए सबसे पहले हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। लक्ष्य हमें दिशा देता है, जैसे घने अंधेरे में दीपक की छोटी-सी लौ हमें राह दिखाती है।

बिना लक्ष्य के जीवन ऐसा है जैसे नाव के बिना पतवार, जो लहरों के सहारे इधर-उधर भटकती रहती है। जब कभी हम अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने की कोशिश करते हैं तो कठिनाइयाँ, असफलताएँ और बहुत सारी रुकावटें आती हैं और हम घबरा जाते हैं। लेकिन वही मुश्किलें हमें मज़बूत बनाती हैं और सफलता की कीमत समझाती हैं।

अगर हम अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो समझ लीजिए कि हमने अपने सपनों के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया है। अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक कदम बढ़ाते हैं तो हज़ारों मुश्किलें सामने आती हैं, जो हमें पीछे की ओर खींचने लगती हैं। लेकिन अगर हम पीछे हट जाएँ तो वह हमारी हार है, और अगर हर मुश्किल को पार करके आगे बढ़ जाते हैं तो जीत पक्की है।

ज़िंदगी एक किताब की तरह है; हर दिन एक नया पन्ना खुलता है और नई मुश्किलें सामने आती हैं, जिन पर हम अपने कर्मों और विचारों से लिखते जाते हैं। कभी-कभी ज़िंदगी में दुख के इतने काले बादल छा जाते हैं कि लगता है शायद कभी खत्म नहीं होंगे, लेकिन यह जीवन का सत्य है कि रात के बाद सुबह और दिन के बाद फिर से रात आती है।

अगर किसी भी व्यक्ति के पास कोई लक्ष्य नहीं होता, तो वह इस जीवन में चलता ही रहता है। जैसे कोई यात्री यात्रा तो करता है लेकिन अपनी मंज़िल को नहीं जानता, इसलिए बस चलता ही रहता है। लेकिन अगर अपनी मंज़िल का पता चल जाए, तो फिर वह सीधे अपनी मंज़िल तक पहुँच जाता है।

जैसे एक चींटी बार-बार चट्टान पर चढ़ती है और गिरती है, लेकिन हार नहीं मानती क्योंकि उसने अपना लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, इसलिए वह अंततः अपनी मंज़िल तक पहुँच जाती है। जब तक हम अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते, तब तक समय भी व्यर्थ जाता है, मुश्किलें भी बढ़ती हैं और इंसान भटकता ही रहता है। हाँ, जिस दिन हमें अपने लक्ष्य का ज्ञान हो जाएगा, उसी दिन से ज़िंदगी को सही रास्ता मिल जाएगा।

"Only those who don't fear challenges but stay determined at every step."

- Lalita Pal, Arthur Foot Academy


कोशिश और मेहनत: लक्ष्य प्राप्ति का मंत्र - सिमरन कौर

मैंने इस पाठ से यह सीखा है कि लक्ष्य एक जादू है, जो किसी भी व्यक्ति को वहाँ तक ले जा सकता है जहाँ कोई न गया हो। अगर मैंने अपने मन में अभी यह ठान रखा है कि मैं बी.एससी कर लूँगी, तो मेरा लक्ष्य केवल बी.एससी तक ही नहीं बल्कि इससे भी आगे एम.एससी करने का भी है। यह बात बिल्कुल सच है कि "उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।" इसलिए अपने लक्ष्य के लिए जीवन में मेहनत करनी ही पड़ती है। कठिनाई का मतलब असंभव नहीं होता, बल्कि इसका सीधा अर्थ है कि आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। अगर इंसान अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर तरीके से मेहनत करता है, तो लक्ष्य भी जल्दी ही प्राप्त हो जाता है। लेकिन अपने लक्ष्य के लिए व्यक्ति को मेहनत करते रहना चाहिए।

जैसे एक कविता है: "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"
इस कविता में एक छोटी चींटी होती है, जिसका लक्ष्य केवल दीवार पर चढ़ना होता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चींटी बहुत मेहनत करती है। इसलिए एक और पंक्ति है:
"नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ते हुए दीवार पर सौ बार फिसलती है।
आख़िर उसकी मेहनत हर बार बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"

चींटी सौ बार चढ़ती है लेकिन सौ बार ही फिसल जाती है, फिर भी उसकी मेहनत हर बार बेकार नहीं होती। चींटी हार नहीं मानती और अंततः अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेती है। ऐसे ही जीवन में भी इंसान को मेहनत करते रहना चाहिए। इस छोटी-सी चींटी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर मनुष्य अपने मन में ठान ले, तो वह अपना लक्ष्य अवश्य प्राप्त कर सकता है। जीवन में मनुष्य असंभव को संभव में बदल सकता है। इस दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो मनुष्य नहीं कर सकता।

यह सोचना गलत है कि "हम यह कार्य नहीं कर सकते।" जब मनुष्य अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है तो वह सब कुछ कर सकता है। इसलिए मनुष्य को जीवन में मेहनत करते रहना चाहिए। इंसान वह सब कुछ पा सकता है जो उसने अपने मन में ठान रखा है। इस संसार में कोई कार्य कठिन नहीं है—बस मेहनत करते रहना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी।

सिमरन कौर, Arthur Foot Academy

लक्ष्य: आत्मविश्वास और सफलता का मार्ग - Reena Devi

लक्ष्य हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं। यह हमारे सपनों को वास्तविक रूप में बदलते हैं।
बिना लक्ष्य का जीवन वैसा ही है जैसे बिना पतवार की नाव, जिसे लहरें कभी इधर तो कभी उधर ले जाती हैं।

लक्ष्य हमें विश्वास दिलाते हैं कि हम अपने जीवन के उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं। जब हम लक्ष्य बनाते हैं, तो हमें अपने समय, ऊर्जा और प्रयास को सही दिशा देने का अवसर मिलता है। यही हमारी क्षमताओं को पहचानने और निखारने का साधन है। लक्ष्य पाने का मार्ग आसान नहीं होता। इसमें कठिनाइयाँ और असफलताएँ आती हैं, और यही रुकावटें हमें मज़बूत और धैर्यवान बनाती हैं। अगर लक्ष्य बड़ा है, तो मेहनत भी उतनी ही बड़ी करनी पड़ती है।

सच्चा चिंतन यह है कि लक्ष्य केवल बाहरी सफलता पाने का साधन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का मार्ग भी है। लक्ष्य हमें अनुशासन और धैर्य सिखाते हैं। जब हम अपने छोटे-छोटे लक्ष्यों को पूरा करते हैं, तो हमारे भीतर संतोष का भाव जागता है और यही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। लक्ष्य वह नक्शा है जो हमें हर रोज़ छोटे कदम उठाने की वजह देता है और हर छोटा कदम हमें बड़ी मंज़िल तक लेकर जाता है।

"लक्ष्य सिर्फ़ मंज़िल नहीं, आत्मसम्मान का रास्ता है।"

- Reena Devi, Arthur Foot Academy

Friday, 29 August 2025

लक्ष्य और सफलता - सीमा

लक्ष्य

लक्ष्य वह सपना है जिसकी एक समय-सीमा होती है। कोई सपना तभी वास्तविक बनता है जब उसे पूरा करने के लिए निश्चित समय-सीमा तय की जाए। यह प्रेरणा देता है, कार्यों को प्राथमिकता देता है और सपनों को हकीकत में बदलने के लिए स्पष्ट दिशा प्रदान करता है। सफल होने के लिए लक्ष्य होना आवश्यक है। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि लक्ष्य हमें दिशा प्रदान करते हैं, प्रेरित करते हैं और मेहनत को सही राह पर ले जाते हैं। बिना लक्ष्य का जीवन दिशाहीन हो जाता है। लक्ष्य तय होने से हमें यह पता चलता है कि क्या हासिल करना है और कैसे, जिससे हम अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।

क्या जुनून पर्याप्त है?

केवल जुनून या प्रबल इच्छा किसी व्यक्ति को सफल बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। जुनून निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण शक्ति है जो हमें प्रेरित करती है, लेकिन सफलता पाने के लिए दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत, धैर्य, योजना और आवश्यक कौशल भी चाहिए।

सीमा
कक्षा – 8
सनबीम ग्रामीण स्कूल

लक्ष्य वह सपना है जिसकी एक निश्चित समय-सीमा होती है। लक्ष्य को पाना आसान नहीं होता, इसके लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है। सफल होने के लिए जीवन में लक्ष्य का होना आवश्यक है। बिना लक्ष्य का जीवन व्यर्थ और दिशाहीन हो जाता है। जीवन में लक्ष्य तारे की तरह होता है, जो हमारे मार्ग को रोशन करता है।

एक स्पष्ट लक्ष्य होना हमारे व्यक्तिगत विकास और प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिकांश लोगों का लक्ष्य एक सुनहरा भविष्य बनाना होता है। यदि हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचना है, तो मेहनत रूपी ईंधन को अपने भीतर जलाना ही होगा। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में सपने सजाता है और जब ठान लेता है, तो उसे हर हाल में पूरा करने का प्रयास करता है।

लक्ष्य बहुत छोटा-सा शब्द है, लेकिन इसका हमारे जीवन में अत्यंत बड़ा महत्व है। लक्ष्य का अर्थ है — पक्का इरादा करना, निरंतर प्रयास करना और किसी चीज़ को पाने की आकांक्षा रखना।

विशाखा यादव
सनबीम ग्रामीण स्कूल

लक्ष्य - Mamta

बाल विकास के लिए लक्ष्य निर्धारण बहुत महत्वपूर्ण है। लक्ष्य निर्धारण से एक प्रमुख लाभ होता है कि यह बच्चों को उन चीजों पर ध्यान  केंद्रित करने में मदद करता है। जो वास्तव में महत्वपूर्ण है ,जो बच्चे स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्यों को प्राथमिकता देने और अपने समय का कुशलता पूर्वक प्रबंध करने में अधिक सक्षम होते हैं। यह ध्यान केवल प्रेरणा को बढ़ाता ही नहीं है ,बल्कि छात्रों को अपने शिक्षा की जिम्मेदारी के लिए प्रेरित करता है।

लक्ष्य निर्धारण और विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जीवन में कम उम्र से ही सीखने लायक एक आवश्यक कौशल है। लक्ष्य हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करता है। अगर हम सुनिर्धारित लक्ष्य की परिकल्पना को मानते हैं तो यह तर्कसंगत होगा कि हम अपने बच्चों को भी लक्ष्य निर्धारण के प्रति संवेदनशील बनाना चाहेंगे। लेकिन बच्चों को इस विचार को समझ पाना बहुत कठिन होता है। इसका एक तरीका है कि हम अपने बच्चों को कहानी सुनाएं  जिसमें यह सिद्ध किया गया हो कि कैसे असंभव कार्य को  संभव बनाया गया हो  कहानियों बच्चों के रुचि के अनुसार चुनना चाहिए।

जैसे एक छोटी सी चिड़िया की कहानी -

एक समय की बात है एक छोटी सी चिड़िया थी ।जिसका नाम था चंदा  उसका एक बड़ा सपना था। वह एक सुंदर और बड़ा घोंसला बनाना चाहती थी ।जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह सके। चंदा ने अपने सपने को पूरा करने के लिए योजना बनाई उसने हर दिन थोड़ी-थोड़ी लकड़िया इकट्ठा की और अपने घोसले को बनाने के लिए उपयोग किया। लेकिन चंदा के दोस्तों ने उसे नाकाम करने की कोशिश की उन्होंने कहा तुम इतनी छोटी हो इतना बड़ा घोंसला नहीं बना सकती लेकिन चंदा ने हार नहीं मानी उसने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी। उसने हर दिन थोड़ी-थोड़ी प्रगति की और अंत में उसका घोसला बनकर तैयार हो गया।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलती है कि हमें लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें अपने सपनों पर विश्वास करना चाहिए। और कड़ी मेहनत करना चाहिए चंदा ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाई और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।

निष्कर्ष 

लक्ष्य जीवन में सफलता प्राप्त करने की पहली सीढ़ी होता है। यदि हमारे पास स्वस्थ लक्ष्य नहीं है तो जीवन की दिशा भटक सकती है ।लक्ष्य हमें मेहनत करने के प्रेरणा देता है और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है ।यह हमारे समय ,ऊर्जा और प्रयास  को सही दिशा में लगता है ।लक्ष्य के बिना इंसान एक नाव की तरह होता है जो बिना पतवार के समुद्र में भटकती रहती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में छोटा या बड़ा कोई ना कोई लक्ष्य जरूर तय करना चाहिए और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

Ms Mamata
Sunbeam Gramin School

Friday, 11 July 2025

संकल्प - Swati

 

जब हम अपने मन से कोई ठोस संकल्प लेते हैं, तो वह केवल एक विचार नहीं होता—वह एक दिशा बन जाता है। यह एक लक्ष्य की ओर बढ़ने का पहला मजबूत कदम होता है। मेरे लिए संकल्प सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि यह आत्मबल और आत्मविश्वास की यात्रा की शुरुआत है। बचपन से ही हमने सीखा है कि "जहाँ चाह, वहाँ राह"। जब हम मन से किसी लक्ष्य की ओर बढ़ने लगते हैं, तो रास्ते भी खुद-ब-खुद बनते चले जाते हैं। मेरे जीवन में जब भी कोई परेशानी आई, मैंने महसूस किया कि मेरा संकल्प ही था जिसने मुझे आगे बढ़ने का हौसला दिया।

Sankalp is not just a promise to the world – it is a deep commitment to your own soul.

मैंने अनुभव किया है कि जब संकल्प दिल से लिया जाए, तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में मदद करती है। फिर चाहे वह पढ़ाई का लक्ष्य हो, किसी की मदद करने का इरादा हो, या खुद को और बेहतर बनाने की चाह—दिल से लिया गया संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाता। संकल्प हमें अनुशासन सिखाता है। यह हमारे विचारों को दिशा देता है और हमारे कर्मों को अर्थ। यह हमें भीतर से मजबूत बनाता है, ताकि हम जीवन की हर चुनौती का डटकर सामना करें, न कि उससे डरें।

It is the foundation of every achievement. Great journeys begin with small decisions – and Sankalp is that first step.

आज के इस डिजिटल युग में, जहाँ ध्यान भटकाना आसान है, वहीं संकल्प हमें अपनी दिशा याद दिलाता है। यह हमारी सोच को स्पष्ट करता है और हमारे उद्देश्य को जीवन का हिस्सा बना देता है।

अंत में मैं यही कहूँगी:

"संकल्प कोई दिखावे की चीज़ नहीं, बल्कि आत्मा की आवाज़ है, जो हमें खुद से मिलाती है।"

Take your Sankalp seriously – because your future is waiting to be shaped by it.

संकल्प का मतलब है खुद से किया गया वादा। यह वादा हमें तब मजबूती देता है, जब दुनिया हमें कमजोर समझती है।

Every day counts. Small steps matter.
मैंने सीखा है कि संकल्प लेने के बाद हर दिन मेहनत ज़रूरी होती है। हर छोटी कोशिश एक बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता कदम होती है।

Never stop. Never quit.
संकल्प केवल हमें मंज़िल की ओर नहीं ले जाता, बल्कि हमें खुद को समझने और जानने का रास्ता भी देता है। यह हमारे मन के भीतर छुपे विचारों को बाहर लाता है और हमारी आंतरिक क्षमताओं को पहचानने का अवसर देता है।

मैंने अपने जीवन में महसूस किया है कि—

"जब रास्ते कठिन होते हैं, तो हर कोई साथ छोड़ देता है; केवल संकल्प ही होता है जो हमारे साथ रहकर जीवन में दिशा दिखाता है।"

Don't give up. Walk alone if needed.

"संकल्प लो, फिर खुद को भूल जाओ – बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाओ।"
Small start. Big dream. Strong will. That's Sankalp.

"वक़्त चाहे जितना भी लगे, पर अगर संकल्प सच्चा है, तो मंज़िल ज़रूर मिलेगी।"

स्वाति


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