गुरुनानक जी की जीवनी अमरदीप सिंह जी ने गुरुनानक देव जी की पूरी जीवनी के बारे में बताया और गुरुनानक जी कहाँ-कहाँ गए यह भी बताया। गुरुनानक जी मक्का मदीना से बगदाद और बाद में ईरान से भारत आए। यह यात्रा उनके धार्मिक और सामाजिक संदेशों को फैलाने का एक जरिया थी। ईश्वर की एकता, सभी मनुष्यों की समानता, ईमानदारी से मेहनत, मिल-बाँटकर खाना, ईश्वर के नाम का जाप करना है। गुरुनानक देव जी ने सिखाया कि एक ही ईश्वर है और वह सभी प्राणियों में मौजूद है। उन्होंने जाति-पाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की निंदा की और सभी मनुष्यों की समानता पर जोर दिया।
गुरुनानक जी के विचार —
एक ईश्वर में विश्वास: ईश्वर एक है, वह सर्वत्र विद्यमान है और उसकी भक्ति से मन शांत होता है।
मेहनत और ईमानदारी: अपने हाथों से मेहनत करके और ईमानदारी से धन कमाना चाहिए।
परोपकार: अपनी मेहनत की कमाई से दूसरों की मदद करनी चाहिए।
समानता: स्त्री-पुरुष को बराबर मानना चाहिए और किसी का अनादर नहीं करना चाहिए।
अहंकार का त्याग: किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं करना चाहिए, विनम्र भाव से जीवन जीना चाहिए।
आत्म-नियंत्रण: संसार को जीतने से पहले अपने विकारों पर विजय पाना अति आवश्यक है।
सादा जीवन: धन को हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए, उसे लालच से दूर रखना चाहिए।
प्रेम और एकता: सभी मनुष्यों से प्रेम और एकता की भावना रखना चाहिए।
आत्मविश्वास: जिसे खुद पर भरोसा नहीं होता वह कभी कोई काम सही ढंग से नहीं कर सकता।
गुरुनानक देव जी ने कहा — "उसे महान समझो जो स्वयं को जानता है।"
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