कृतज्ञता का अर्थ है किए हुए उपकार को मानना और उसके प्रति आभार व्यक्त करना। कृतज्ञता एक सकारात्मक भावना है, जो किसी के प्रति दयालुता या सहायता के लिए सराहना व्यक्त करती है। कृतज्ञता एक गुण है और मानवता की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यह हमें दूसरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना रखने में मदद करती है।
आजकल के बच्चे भी बहुत-सी चीज़ों के महत्व को नहीं समझते। भोजन, कपड़े, आरामदायक बिस्तर और खिलौने, पढ़ने के लिए स्कूल, छुट्टियाँ और जन्मदिन की पार्टियाँ — ये सब वे सामान्य मान लेते हैं। बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें इन सबका सही महत्व “पता” होता है। वास्तव में वे ही बच्चे इन सभी चीज़ों के लिए कृतज्ञ होते हैं। हमें भी जो सुविधाएँ प्राप्त हैं, उनके लिए कृतज्ञ होना “चाहिए”।
कृतज्ञता, यानी किसी के प्रति आभार व्यक्त करना, जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने और खुशी पाने में सहायक होता है।
कृतज्ञता एक ऐसी भावना है, जो हमें जीवन की अच्छी चीज़ों को पहचानने और उनके लिए आभारी होने में मदद करती है। जब हम कृतज्ञ होते हैं, तो हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं और नकारात्मक विचारों से दूर रहते हैं। इससे हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
कृतज्ञता हमें दूसरों के प्रति अधिक दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनाती है, जिससे हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं। जब हम अपने जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी आभारी होते हैं, तो हम अधिक खुश और संतुष्ट महसूस करते हैं।
कृतज्ञता का अर्थ है – किसी के प्रति किए गए उपकार या सहायता को मानना और उसके प्रति आभार व्यक्त करना। यह एक सकारात्मक भावना है, जो सम्मान और भरोसे की भावना से जुड़ी होती है।
कृतज्ञता का अर्थ :
-
दयाभाव रखना : किसी के द्वारा की गई मदद या उपकार को याद रखना और उसका सम्मान करना।
-
आभार व्यक्त करना : किसी के प्रति अपनी भावनाओं और आभार को शब्दों या कर्मों से व्यक्त करना।
-
सकारात्मकता : कृतज्ञता एक सकारात्मक भावना है, जो दूसरों और स्वयं की भावनाओं को बढ़ाती है।
कृतज्ञता के लाभ :
-
सकारात्मक दृष्टिकोण : यह जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है।
-
मजबूत रिश्ते : कृतज्ञता दूसरों के साथ संबंधों को मजबूत बनाती है।
– Nainisha Maurya
Class – 5