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प्रकृति और मै - आरव अग्रवाल


जैसे बोलू और भैरा बहुत अच्छे मित्र थे, साथ मे स्कूल जाते थे। बोलू को प्रकृति अच्छी लगती थी और जैसे ही वह स्कूल पहुँचता, वह खिड़की खोलकर बाहर देखने लगता। उसे बहुत मज़ा आता था। बोलू की तरह मुझे भी सुबह खिड़की से बाहर देखना बहुत अच्छा लगता है। हरे-भरे पेड़ और पौधे, हरियाली और ठंडी वायु मुझे बहुत अच्छी लगती है। प्रकृति मे मेरा मन शांत रहता है और मुझे लिखने की कल्पना आती है। प्रकृति से हमे यह सीख मिलती है कि हमे स्वार्थरहित रहना चाहिए।

नाम: आरव अग्रवाल  
कक्षा 6 ए 
बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, ठाणे

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