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Friday, 15 August 2025

स्वयं में बदलाव लाने की सीख - रीना देवी

 
ज़िंदगी में सबसे मुश्किल काम दूसरों को बदलना नहीं, बल्कि खुद को बदलना होता है। शुरुआत में मुझे लगता था कि मैं जैसी हूँ, वैसी ही ठीक हूँ। मुझे लगता था कि अगर मुझे कोई समझ नहीं पा रहा है, तो गलती उसकी है। लेकिन धीरे-धीरे एहसास हुआ कि रिश्ते, सपने और खुशियाँ तभी टिकती हैं जब अपने भीतर झाँकने का साहस रखें।

पहले मैं हर बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देती थी। लेकिन फिर मैंने खुद में बदलाव लाया। अब, जब कोई भी व्यक्ति मुझसे कुछ कहता है, तो मैं जवाब देने से पहले थोड़ा रुककर सोचती हूँ और फिर शांत होकर उत्तर देती हूँ। हम अक्सर अपने समाज और आसपास के लोगों से बदलाव की उम्मीद करते हैं, लेकिन भूल जाते हैं कि असली बदलाव की शुरुआत खुद से होती है। जब हम अपने व्यवहार और विचारों में सुधार लाते हैं, तब हमारा असर दूसरों तक भी पहुँचता है। यह असर धीरे-धीरे फैलकर समाज का माहौल बदल सकता है।

इससे हमें यह सीख मिलती है कि हम दूसरों से शिकायत करने के बजाय उदाहरण बनें। अगर हम चाहते हैं कि लोग ईमानदार बनें, तो उसके लिए हमें पहले खुद ईमानदार होना होगा। इसी तरह, अगर हम चाहते हैं कि माहौल सकारात्मक हो, तो शुरुआत हमें खुद से करनी होगी।

"दुनिया बदलने से पहले, अपने भीतर बदलाव लाओ।"

रीना देवी

Sunday, 27 July 2025

विनम्रता की छाप: गुरु नानक जी की शिक्षाओं से जीवन का मार्ग - साक्षी खन्ना

 

"अच्छा प्रभाव", अर्थात विनम्रता की छाप, एक ऐसा विषय है जो सीधे हमारे हृदय और व्यवहार से जुड़ा है। इस एपिसोड को सुनकर यह स्पष्ट हो गया कि गुरु नानक देव जी की यात्राएँ केवल शारीरिक नहीं थीं, बल्कि वे आत्मा की यात्रा और मानवता के मार्गदर्शन का प्रतीक थीं। गुरु नानक देव जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा बल दिखावे में नहीं, बल्कि विनम्रता में होता है। जब इंसान अपने ज्ञान, पद या सफलता के कारण अहंकार में डूब जाता है, तब वह दूसरों से दूर हो जाता है। लेकिन जो व्यक्ति विनम्र होता है, वह सभी के दिलों में स्थान बना लेता है।

अमरदीप सिंह जी ने जब गुरु नानक जी के व्यवहार और उनके सच्चे प्रेम को साझा किया, तब मुझे यह समझ आया कि आज के समय में भी विनम्रता कितनी आवश्यक है। विनम्रता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि यह एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाता है। यह हमें सुनना सिखाती है, समझना सिखाती है और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाती है।

मेरे मन के विचार:

इस एपिसोड ने मुझे स्वयं के विचारों पर सोचने के लिए प्रेरित किया।
क्या मैं भी इतनी विनम्र हूं कि हर किसी को आदरपूर्वक सुन सकूं?
क्या मैं अपने शब्दों और कर्मों से दूसरों को सम्मान दे पाती हूं?
यह सत्र मेरे लिए एक आईने की तरह था, जिसमें मैंने खुद को देखा — और यह जाना कि मुझे स्वयं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ समय की सीमाओं से परे हैं।
आज भी यदि हम उनके बताए मार्ग — सेवा, विनम्रता और सच्चाई — पर चलें, तो हमारा जीवन न केवल सुंदर और शांतिपूर्ण, बल्कि सार्थक भी बन सकता है।

निष्कर्ष:

विनम्र प्रभाव केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। इसे अपनाकर हम समाज में प्रेम, सहिष्णुता और शांति का संचार कर सकते हैं। इस एपिसोड ने मेरे मन पर गहरी छाप छोड़ी — जो मुझे सदा याद दिलाएगी कि सच्चा इंसान वही है जिसमें विनम्रता हो।

"ईश्वर के सामने सब समान हैं — कोई ऊँचा-नीचा नहीं।"
इंसान को अपने अहंकार को त्यागकर विनम्र होना चाहिए।

"सेवा भाव से जीना — दूसरों की सेवा करना बिना किसी घमंड के — यही सच्ची भक्ति है।"

गुरु नानक देव जी ने बार-बार कहा कि —

ईश्वर के निकट वही पहुँच सकता है, जो अपने अहंकार को त्याग देता है।

— साक्षी खन्ना



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