पहले मैं हर बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देती थी। लेकिन फिर मैंने खुद में बदलाव लाया। अब, जब कोई भी व्यक्ति मुझसे कुछ कहता है, तो मैं जवाब देने से पहले थोड़ा रुककर सोचती हूँ और फिर शांत होकर उत्तर देती हूँ। हम अक्सर अपने समाज और आसपास के लोगों से बदलाव की उम्मीद करते हैं, लेकिन भूल जाते हैं कि असली बदलाव की शुरुआत खुद से होती है। जब हम अपने व्यवहार और विचारों में सुधार लाते हैं, तब हमारा असर दूसरों तक भी पहुँचता है। यह असर धीरे-धीरे फैलकर समाज का माहौल बदल सकता है।
इससे हमें यह सीख मिलती है कि हम दूसरों से शिकायत करने के बजाय उदाहरण बनें। अगर हम चाहते हैं कि लोग ईमानदार बनें, तो उसके लिए हमें पहले खुद ईमानदार होना होगा। इसी तरह, अगर हम चाहते हैं कि माहौल सकारात्मक हो, तो शुरुआत हमें खुद से करनी होगी।
"दुनिया बदलने से पहले, अपने भीतर बदलाव लाओ।"
— रीना देवी
No comments:
Post a Comment