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Tuesday, 22 July 2025

देने का जज़्बा – एक छोटी मदद, एक बड़ा असर - सिमरन कौर

मैंने इस पाठ से यह सीखा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी काम को करने में असमर्थ हो और उसे मदद की ज़रूरत हो, तो हमें उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए। दूसरों की सहायता करने से न केवल सामने वाले को राहत मिल ती है, बल्कि हमारे अपने मन को भी संतुष्टि और सच्ची खुशी मिलती है।मान लीजिए हमारे पास बहुत सारा पैसा है, और एक व्यक्ति हमारे पास आकर कहता है कि उसे अपने बच्चे के स्कूल में दाखिले के लिए पैसों की ज़रूरत है। ऐसे समय पर हमारे अंदर उसकी सहायता करने का साहस और जज़्बा होना चाहिए। अगर हमने उसे मदद कर दी, तो न सिर्फ वह बच्चा स्कूल जा सकेगा, बल्कि उसके माता-पिता को भी अपार खुशी मिलेगी।

हमारी एक छोटी सी सहायता एक बच्चे को शिक्षा पाने का अवसर दिला सकती है। वह बच्चा जब पढ़-लिखकर एक अच्छा इंसान बनता है, तो वह खुद, उसके माता-पिता और पूरा समाज उससे प्रेरित हो सकता है। कई बार किसी गरीब पिता को बेटे की फीस भरने के लिए उधार लेना पड़ता है। ऐसे में यदि कोई उसे मदद कर दे, तो वह बच्चा स्कूल में पढ़ सकता है। और यही बच्चा आगे चलकर जब सफल होता है, तो उसके माता-पिता को भी गर्व होता है।

इसलिए, हमें कभी भी दूसरों की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। क्या पता हमारी एक छोटी-सी मदद किसी की जिंदगी बदल दे। दूसरों की मदद करना एक महान जज़्बा होता है। यह किसी बड़े दान या संपत्ति से नहीं, बल्कि दिल की भावना से जुड़ा होता है। किसी की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करना या उनकी मदद करना एक सच्चे, अच्छे इंसान की पहचान है। इसलिए जब भी किसी को आपकी ज़रूरत हो, तो उसकी मदद ज़रूर करें। हमारी की हुई छोटी-सी सहायता किसी की जिंदगी को खुशनुमा बना सकती है।

 सिमरन कौर, Arthur Foot Academy

Friday, 13 June 2025

खुशी बांटने का हुनर - Rubal Kaur

 

दूसरों की खुशी में अपनी खुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है और जो इंसान यह हुनर सीख जाता है, वह कभी भी दुखी नहीं होता। दूसरों की खुशी के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं। किसी की मदद करके हम दूसरों को खुश कर सकते हैं। जब तक हम उनके साथ होते हैं, उनका हौसला बना रहता है और उन्हें सहारा भी मिलता है, तो वे बहुत खुश होते हैं।

बड़ों को कैसे खुश कर सकते हैं: बड़ों का सम्मान करके, उनकी बातों को सुनकर और उनकी छोटी-छोटी खुशियों का ध्यान रखकर। बड़े जब हमें कुछ बोलते हैं, तो हमें उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। उनकी बातों को समझना चाहिए। जब बड़े हमें डांटते हैं, तो वह हमारी भलाई के लिए ही डांटते हैं। हमें उन्हें गलत नहीं समझना चाहिए और उल्टा जवाब नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे उनका मान सम्मान ठेस पहुँच सकता है। किसी को खुश करने की कोशिश करना उनके मुश्किल समय में सहानुभूति और समर्थन दिखाने का एक तरीका है।

— रुबल कौर