Friday, 13 June 2025

करुणा की रौशनी- Lalita Pal

 
"The more you give, the more it grows — life blossoms wherever kindness flows."

जिंदगी में हम अक्सर अपने लिए बहुत कुछ चाहते हैं—प्यार, सफलता, मुस्कान और सुकून। असल सुकून तब मिलता है जब हम किसी और की जिंदगी में थोड़ा उजाला भर पाते हैं। दूसरों को खुशियां देना कोई बड़ा काम नहीं होता; किसी की थकी आंखों में उम्मीद जगा देना—बस यही छोटे-छोटे पल किसी की दुनिया बदल सकते हैं। जब हम किसी की मदद करते हैं, उसके दुख में शामिल होते हैं, तो उस पल हम सिर्फ इंसान नहीं, बल्कि फरिश्ते बन जाते हैं। दूसरों को खुशियां देकर हम खुद भी अच्छा महसूस करते हैं। 

खुशी बांटने के लिए बड़ी चीजों की जरूरत नहीं होती, बस एक मुस्कान और छोटा सा प्यार ही काफी है। दूसरों को खुशियां देना इंसान की सबसे खूबसूरत और सच्ची अच्छाई है। जब हम किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो असल में हम अपने दिन को भी सुकून देते हैं। हमारे पास भले ही बड़ी चीजें न हों—एक मुस्कान, एक मीठा बोल और थोड़ा सा साथ किसी के दिन को रोशन कर सकता है। दूसरों को खुशियां देना सबसे बड़ा उपहार है।

"Giving happiness to others is the greatest gift, because a hidden blessing behind someone's smile brings endless joy back to us."

– Lalita Pal


दूसरों को खुशियां देना- Sukhvinder Kaur

 जब हम अपनी खुशी दूसरों के साथ बांटते हैं, तो वो खुशी और भी बढ़ जाती है। किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना, किसी का मन हल्का करना, उनके दिन को बेहतर बना देना — यही एक सच्ची खुशी है। खुशी बांटने का मतलब सिर्फ देना नहीं होता, बल्कि एक ऐसा रिश्ता बनाना होता है जहां दिलों का जुड़ाव हो और सबके जीवन में रौशनी फैले। असल में, जब हम किसी और को खुश करते हैं, तो अंदर से हम खुद भी खुश हो जाते हैं। इंसानियत की सबसे सुंदर भावनाओं में से एक है यह — जब हम अपनी छोटी-छोटी खुशियों को दूसरों के साथ बांटते हैं, जैसे किसी के काम की तारीफ करना, किसी उदास इंसान के चेहरे पर मुस्कान लाना — तो वो खुशी केवल एक पल की नहीं रहती, वो एक याद बन जाती है।

 खुशी बांटना मतलब है किसी को यह अहसास दिलाना कि वो अकेला नहीं है। जब हम किसी को गले लगाते हैं, उसका हालचाल पूछते हैं, या उसकी परेशानी में साथ खड़े होते हैं — तो हमारी छोटी सी कोशिश किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। सच तो यह है कि खुशी वो चीज है जो बांटने से घटती नहीं, बल्कि बढ़ती है — जैसे "जब दीया दूसरों को रोशनी देता है, तो अंधकार खुद-ब-खुद दूर हो जाता है।"

– Sukhvinder Kaur

चलो खुशियां फैलाएं, दुनिया को जगमगाए! - Sakshi Pal

 

जब हम दूसरों को खुशियां देते हैं, तो असल में हम अपने जीवन में भी रोशनी भरते हैं। एक छोटी सी मुस्कान, मदद का हाथ या प्रोत्साहन का एक शब्द किसी के दिन को बेहतर बना सकता है। दूसरों को खुश देखना हमें आंतरिक संतोष और शांति प्रदान करता है। मैंने महसूस किया है कि जब मैं अपने दोस्तों, परिवार या जरूरतमंदों की मदद करती हूँ, तो मेरा मन हल्का और प्रसन्न हो जाता है। खुशियां बांटने से वे कम नहीं होतीं, बल्कि कई गुना बढ़ जाती हैं।

हमेशा यह याद रखना चाहिए कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हमें खुद पहल करनी होती है। यदि हम सब एक-दूसरे की खुशी का कारण बनें, तो समाज और दुनिया में सच्ची सकारात्मकता फैल सकती है।

"दूसरों को खुशियां देना न केवल एक अच्छा कर्म है, बल्कि यह जीवन को सुंदर और सार्थक बनाता है।"

— साक्षी पाल

खुशी बांटने का हुनर - Rubal Kaur

 

दूसरों की खुशी में अपनी खुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है और जो इंसान यह हुनर सीख जाता है, वह कभी भी दुखी नहीं होता। दूसरों की खुशी के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं। किसी की मदद करके हम दूसरों को खुश कर सकते हैं। जब तक हम उनके साथ होते हैं, उनका हौसला बना रहता है और उन्हें सहारा भी मिलता है, तो वे बहुत खुश होते हैं।

बड़ों को कैसे खुश कर सकते हैं: बड़ों का सम्मान करके, उनकी बातों को सुनकर और उनकी छोटी-छोटी खुशियों का ध्यान रखकर। बड़े जब हमें कुछ बोलते हैं, तो हमें उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए। उनकी बातों को समझना चाहिए। जब बड़े हमें डांटते हैं, तो वह हमारी भलाई के लिए ही डांटते हैं। हमें उन्हें गलत नहीं समझना चाहिए और उल्टा जवाब नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे उनका मान सम्मान ठेस पहुँच सकता है। किसी को खुश करने की कोशिश करना उनके मुश्किल समय में सहानुभूति और समर्थन दिखाने का एक तरीका है।

— रुबल कौर

मुस्कान बाँटने का सुख: खुशियाँ देना ही सच्ची खुशी है - Swati

 

दूसरों को खुशियाँ देना एक बहुत ही beautiful feeling होती है। जब हम किसी और को smile देते हैं, मदद करते हैं, या उनके दुःख में साथ देते हैं — उन्हें ही खुशी नहीं होती, बल्कि हम खुद भी अंदर से happy महसूस करते हैं।

हमारी छोटी-छोटी बातें, जैसे किसी की तारीफ़ करना, किसी का सहारा बनना, या सिर्फ़ किसी की बातों को ध्यान से सुनना — ऐसा करने से भी दूसरे इंसान को खुशी मिलती है। ऐसा करने से हम किसी का दिन bright बना सकते हैं। ऐसे society में positive energy फैलती है और हम सब का जीवन और बेहतर बनता है। दूसरों को खुश करने के लिए बहुत बड़ी चीज़ों की ज़रूरत नहीं होती। एक thank you, एक प्यारी सी smile या एक helping hand भी मायने रखता है। इस पाठ से सीख मिलती है कि —

  • सच्ची खुशी बाँटने में है। जो हम दूसरों को देंगे, वही हमें वापस मिलेगा। और इस दुनिया को अच्छा बनाने का सबसे आसान तरीका है — किसी के face पर एक छोटी सी smile ले आना।

जब हम दूसरों को खुश करते हैं, तो असल में हम अपने मन को भी peaceful और joyful बनाते हैं। इसलिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हम दूसरों की मदद करें, प्यार दें, और positive सोच फैलाएँ। यही एक अच्छा समाज और अच्छा इंसान बनाता है।

"The biggest service is bringing a smile to someone's face." 😊

Swati

खुशियों की रिबन - Reena Devi

 "Happiness isn't something you seek, it's something you give. Fix broken dreams with the thread of your smile." 😊

जब मैं अपने स्कूल में जाती थी, तो मेरी एक दोस्त थी, उसका नाम हेमा था। एक दिन हम स्कूल से घर आ रहे थे। रास्ते में हमने देखा कि एक छोटी लड़की रो रही थी। हेमा उसके पास गई और बोली, "तुम क्यों रो रही हो?"
बच्ची बोली, "मेरी गुड़िया खो गई है।" हेमा ने तुरंत अपनी जेब से एक रंगीन रिबन निकाला और बच्ची को देते हुए कहा, "ये लो, अब ये तुम्हारी नई गुड़िया की रिबन है।" बच्ची मुस्कुराई और उसने हेमा को गले लगा लिया।

खुशी बांटने के लिए बड़ी चीजों की जरूरत नहीं होती, बस एक मुस्कान और थोड़ा सा प्यार ही काफी है। दूसरों को खुशियां देना इंसान की सबसे खूबसूरत और सच्ची अच्छाई है। जब हम किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो असल में हम अपने दिन को भी सुकून देते हैं। हमारे पास भले ही बड़ी चीजें न हों, एक मुस्कान, एक मीठा बोल और थोड़ा सा साथ किसी का दिन रोशन कर सकता है। दूसरों को खुशियां देना सबसे बड़ा उपहार है।

"Learn to be a part of others' happiness, because true joy grows when you share it."

Reena Devi

Sunday, 8 June 2025

Thoughts Left Unheard: Pages from the Diary of Nature - Rishona Chopra


I’ve seen children go to school each day, with a big bag full of books and wisdom of all sorts. I’ve seen generations grow old and fade away. I’ve seen relationships break and I’ve seen friends unite. I’ve lived through every second every century and never did I ever find someone who truly truly cares. I’ve seen all the broken promises and posters. How people claim they love and protect Mother nature. “Go Green.” What good is going “green” when each one of those plants lives a life worse than death? A life so torturous, a life that isn’t worth living.

Every day, I see cars go by, leaving their pollution for us to see. Every day I see people walk by and throw their wastes at parks or at the roadside. And by the end of the day, a storm comes in and sweeps my family away.

These posh humans go to havens of knowledge each day-learn about all parts of plants, parts of cell, how plants grow, how they get their food but out of all that load of information, these lousy humans didn’t seem to understand one crucial thing- that we are as living as them. Somehow, everyone seems to know how we make our own food, how we survive the days but they can’t wrap their head around the fact that we too feel. We’re hurt and in pain. We’re broken. And no one seems to know it.

So why make big promises when you can’t take the smallest step. We don’t need campaigns or plant drives. We don’t need you to water us each day-the rain does that. We certainly don’t want to hear the usual rants about “going green”. All I ask for, is just care. Just care enough to not ruin each day. Just care enough to see us as who we are- living breathing souls and not entities you can use.

That’s what I felt today. I felt so tired, so fed up with everything, I knew I needed to vent. I can only hope that there’s someone listening.
Nature- From the plant community
Thoughts voices by Rishona Chopra, Grade IX, Gyanshree School

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