इस पाठ से मैंने यह सीखा कि यदि जीवन में कुछ बदलना है, तो शुरुआत स्वयं से करनी होगी। बदलाव के लिए मेहनत, लगन और धैर्य जरूरी है। जब इंसान यह ठान ले कि मुझे अपने अंदर सुधार लाना है, तो वह बदलाव संभव हो जाता है। जैसे मैं चाहती हूँ कि मैं अंग्रेज़ी अच्छी तरह बोल सकूँ। इसके लिए मैं खुद सीख रही हूँ, ताकि जब मुझमें यह बदलाव आए, तो मैं अपने विद्यार्थियों को भी बेहतर अंग्रेज़ी सिखा सकूँ। मैं चाहती हूँ कि मेरे स्कूल के बच्चे आत्मविश्वास के साथ अंग्रेज़ी बोलें और पढ़ें।
बदलाव केवल अपने लिए नहीं, बल्कि घर-परिवार और समाज के लिए भी जरूरी है। जब मैं खुद में बदलाव लाती हूँ, तो मेरे छोटे भाई-बहन भी उसे देखकर प्रेरित होते हैं और खुद को सुधारने की कोशिश करते हैं। यह देखकर मुझे बहुत खुशी मिलती है।
मेरी एक छोटी बहन थी, जो 11वीं कक्षा में दाखिला लेने से मना कर रही थी क्योंकि उसकी कुछ सहेलियाँ पढ़ाई छोड़ चुकी थीं। मैंने उसे समझाया कि अगर मेरी भी कई सहेलियाँ पढ़ाई छोड़ देती हैं, तो क्या मैं भी छोड़ दूँगी? हमें दूसरों से अलग होकर, सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए। मेरी बातें सुनकर उसने मन बदल लिया और अब वह रोज़ स्कूल जाती है और मन लगाकर पढ़ती है। यह अनुभव मुझे यह सिखाता है कि एक अच्छा विचार किसी का पूरा जीवन बदल सकता है। इसलिए हमें अपने भीतर और दूसरों के लिए हमेशा सकारात्मक सोच और अच्छे विचार रखने चाहिए।
सिमरन कौर
No comments:
Post a Comment