Saturday, 9 August 2025

रंगीन गुलदस्ता: प्रेम और एकता का संदेश - Swati

 
"प्रेम, एकता और सहयोग से मिलकर ही बनता है इंसानियत का गुलदस्ता।"

"रंगीन गुलदस्ता" सिर्फ रंग-बिरंगे फूलों का नाम नहीं है, बल्कि एक सोच है जो हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ती है और इंसानियत की खुशबू चारों ओर बिखेरती है। अगर हर इंसान इस सोच को अपनाए, तो यह दुनिया एक रंगीन गुलदस्ता बन जाएगी।

हर फूल की तरह इंसान की भावना और आत्मा खास होती है। जैसे हम सब बाहर से अलग दिखाई देते हैं, लेकिन अंदर से हम सभी में प्रेम, करुणा और सच्चाई समान होती है। गुरु नानक देव जी ने कहा है —
"ना कोई हिन्दू, ना कोई मुसलमान, सब इंसान एक समान।"

गुलदस्ते में कांटे नहीं होते, सिर्फ फूल होते हैं। इसी तरह हमारे समाज में भी भेदभाव, ईर्ष्या, जलन जैसे कांटों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हमें सभी को मिलकर रहना चाहिए, जैसे फूल मिलकर गुलदस्ते में खुशबू बिखेरते हैं।

गुरु नानक देव जी ने पूरी दुनिया में प्रेम और एकता का संदेश फैलाया। उन्होंने कभी ऊँच-नीच में विश्वास नहीं किया। "रंगीन गुलदस्ता" उनके द्वारा सिखाए गए उन्हीं मूल्यों का प्रतीक है, जिसमें हर इंसान एक फूल की तरह है और सब मिलकर ईश्वर की सुंदर रचना बनाते हैं।

यह एपिसोड हमें प्रेरित करता है कि हमें अपने जीवन में ऐसे ही रंग भरने चाहिए और दूसरों के जीवन में भी रंग भरने की कोशिश करनी चाहिए। जब हम अपने जीवन में सच्चाई, सेवा, प्रेम आदि की भावना जगाते हैं, तो हम खुद भी एक "गुलदस्ता" बन जाते हैं, जो दूसरों को खुशबू देता है।

अगर हम एक फूल को गुलदस्ते से अलग कर दें, तो वह कुछ ही देर में मुरझा जाता है। लेकिन जब वह फूल अन्य फूलों के साथ गुलदस्ते में होता है, तो वह खिलकर खुशबू बिखेरता है। ऐसे ही इंसान भी तभी मजबूत होता है जब वह अपने परिवार और समाज से जुड़ा होता है।

यह एपिसोड हमें प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में दूसरों को स्वीकार करना चाहिए, उनकी विशेषताओं की सराहना करनी चाहिए और उनके साथ मिलकर समाज को एक सुंदर गुलदस्ता बनाना चाहिए।

"एकता का दूसरा नाम है रंगीन गुलदस्ता, जहाँ सभी फूल मिलकर खुशबू बिखेरते हैं।"
Swati
Arthur Foot Academy

Wednesday, 6 August 2025

Guru Nanak Dev Ji: A Timeless Beacon of Unity and Compassion - Sunbeam Hostel Lahartara

 My Good School 3rd August 2025

My GOOD SCHOOL .pptx by Manisha Khanna

Students from Sunbeam Hostel Lahartara truly enjoy attending Sunday School each week. It has become a special time for learning, sharing, and growing together. Through stories, discussions, and fun activities, they explore values like kindness, honesty, and respect.

After each session, the students expressed their thoughts through written reflections, capturing what they learned and how they felt. These reflections show their growing understanding and how they are trying to apply these lessons in daily life.

Sunday School is not just a class—it’s a joyful and meaningful experience for all of them!

Exploring Innovation: A Visit to The Good School Alliance and More - Rishika Mehra

#SGEF2025
ScooNews Global Ed Fest Expo

The event we attended with Principal Ma’am and Shahana Ma’am featured a variety of stalls, including Good School Alliance, Scottish Berry, Saar Education, INME, and Disha Foundation. Each stall focused on topics such as art and craft, robotics, and educational resources.

We specifically visited the Good School Alliance stall, which is an online program that assists students with reading books and improving their vocabulary.

Overall, it was a wonderful experience. 

Rishika Mehra
Vimukti Jaipur

Saturday, 2 August 2025

Growing with Confidence: Understanding Puberty at Lotus Petals Foundation

 

Puberty.pdf by Manisha Khanna

Students from the Lotus Petals Foundation recently came together to share their thoughts and understanding about puberty, a vital stage of growing up. Through open discussions and interactive sessions, they expressed how their bodies and emotions are changing, and how gaining knowledge about these changes helps them feel more confident and prepared. They talked about physical developments like height, voice changes, and menstruation, as well as emotional shifts such as mood swings and growing independence. The students emphasized the importance of hygiene, healthy habits, and respectful communication during this phase. Their reflections showed a strong sense of curiosity, maturity, and the positive impact of a supportive learning environment.

Monday, 28 July 2025

साथियों का दबाव: सोच और व्यवहार पर प्रभाव - सनबीम ग्रामीण स्कूल

साथियों का दबाव तब होता है जब कोई सहकर्मी या साथियों का समूह किसी व्यक्ति को किसी विशेष तरीके से सोचने या कार्य करने के लिए प्रभावित करता है या उस पर दबाव डालता है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति के दृष्टिकोण या धारणा को बदलकर उसे किसी विशिष्ट कार्य में सम्मिलित करना होता है।

सहकर्मी दबाव वह प्रक्रिया है जिसमें एक ही समूह के सदस्य, अन्य सदस्यों को ऐसे व्यवहार या गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं, जिनमें वे स्वेच्छा से संलग्न नहीं होना चाहते।साथियों का दबाव समान रुचियों, अनुभवों या सामाजिक परिस्थितियों वाले समूहों के सदस्यों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है। ऐसे समूह किसी व्यक्ति के विश्वासों, मूल्यों, धर्म और व्यवहार को प्रभावित करने की अधिक संभावना रखते हैं।

साथियों के दबाव का समाधान:

  • आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का विकास करें।
    दृढ़ता  का अभ्यास करें।
    सकारात्मक संबंधों के साथ-साथ सकारात्मक विचार भी बनाएं।
- नैंसी मौर्या (कक्षा 8)

सबसे मुश्किल भावना क्या है?
सबसे कठिन भावना क्रोध है, क्योंकि यह एक नकारात्मक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जो असहायता या अपमान की भावना से उत्पन्न होती है। क्रोध व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी होता है।

दोस्ती कैसी होनी चाहिए?
अच्छी दोस्ती के लिए ईमानदारी, वफादारी और एक-दूसरे के प्रति सम्मान होना आवश्यक है। सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं और मुश्किल समय में साथ नहीं छोड़ते।

साथियों का दबाव
साथियों का दबाव तब होता है जब आपके दोस्त या सहकर्मी आपको ऐसा कुछ करने के लिए प्रेरित करते हैं, जो आप सामान्य रूप से नहीं करना चाहते, या फिर आपको किसी ऐसे कार्य से रोकते हैं, जिसे आप करना चाहते हैं। यह दबाव सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी, इस पर निर्भर करता है कि प्रभाव किस दिशा में ले जा रहा है।

– सीमा (कक्षा 8) 

जिज्ञासु मस्तिष्क - Sunbeam Gramin School

 

इस अध्याय में बताया गया है कि किस तरह जिज्ञासा और असफलता (failure) मिलकर सीखने की प्रक्रिया को गहरा और लंबे समय तक याद रखने योग्य बना देती है। जब हम किसी सवाल का उत्तर नहीं जानते और बाद में सही उत्तर पता चलता है, तो वह जानकारी हमारे दिमाग में ज़्यादा अच्छी तरह से बैठती है। वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को समझने के लिए ब्रेन स्कैनिंग (MRI) और व्यवहारिक प्रयोगों का उपयोग किया।

शोध से यह सिद्ध हुआ कि असफलता के बाद जिज्ञासा और सीखने की इच्छा मस्तिष्क को अधिक सक्रिय करती है। साथ ही, जब विद्यार्थी "सीखने के लक्ष्य" (Mastery Goals) अपनाते हैं — यानी गहराई से समझने की कोशिश करते हैं — तो उनका सीखना और प्रदर्शन दोनों बेहतर हो जाते हैं।

जिज्ञासा और मस्तिष्क का संबंध

1. जिज्ञासा मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्सों को सक्रिय करती है, जिससे सीखना तेज होता है।
2. जब सवाल हमें चौंकाते हैं, तब दिमाग सीखने के लिए ज्यादा तैयार रहता है।
3. MRI अध्ययन ने दिखाया कि जिज्ञासा में मस्तिष्क की मेमोरी और इनाम से जुड़ी प्रणाली सक्रिय होती है

- Manjula Sagar

आज के अध्याय में जिज्ञासु मस्तिष्क के बारे में चर्चा किया गया था जिसमें बताया गया कि जिज्ञासु मस्तिष्क एक महत्वपूर्ण कार्य है जो हमें नई चीज़ सीखने और समझने के लिए प्रेरित करते हैं। इस अध्याय में उदाहरण देकर बताया गया कि जिज्ञासु मस्तिष्क समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करती है, विभिन्न विकल्पों के बारे में जानने और समझने में मदद करती हैं जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछना एक अच्छा तरीका है , हमारा मस्तिष्क सामान्य ज्ञान के प्रश्नों पर कैसे प्रतिक्रिया  देता है, प्रतिक्षा के दौरान मस्तिष्क का कैसा व्यवहार होता है आदि बातें बताई गई।

- अशोक कुमार मौर्य


GSA Calendar August 2025

Notice: There will be no Brewing Knowledge Friday on the 1st of August and the Saturday Masterclass on 2nd August 2025, as we’re away for SGEF 2025. Please visit us at the Scoonews Global Edfest, find out more at www.globaledfest.com

My Good School

3rd   August 2025
Amardeep Singh Screening of Allegory. The Tapestry of Guru Nanak’s Travels 
Episode - 20 गीन गुलदस्ता (रंग-बिरंगे फूलों का गुच्छा 

10th August 2025
Book Reading- The Inner Life of Animals
Book Reading
क्या आपका बच्चा दुनिया का सामना करने के लिए तैयार है?

17th  August 2025
Book Reading- The Door-To-Door Bookstore
Book Reading
क्या आपका बच्चा दुनिया का सामना करने के लिए तैयार है?

24th   August 2025
We aim to inspire young minds, helping them navigate their dreams and aspirations while embracing their goals.
The YES workshop with Shikha Agnihotri, founder of The Right Side Story

Book Reading- The Inner Life of Animals

31st August 2025
Book Reading- The Door-To-Door Bookstore 
Book Readingक्या आपका बच्चा दुनिया का सामना करने के लिए तैयार है?

The Teachers Academy

Brewing Knowledge Fridays at 5.30 PM: Book Reading with Sandeep Dutt:

  • What Did You Ask At School Today: A Handbook Of Child Learning; and 
  • The Book of Rumi: 105 Stories And Fables That Illumine Delight And Inform

Saturday Masterclass Webinar at 5:30 PMProductive Failure - Design for and turn your failures into meaningful learning experiences

GSA Squad Meetings

At 5:30 PM every Monday on Zoom - GSA Coordinators, Volunteers and Mentors. #JoyOfGiving We review programs and plan for the coming week.

Good Schools of India

Are you signed up for the Good Schools of India Weekly yet? Don't miss out on valuable insights—published every Monday at 7:00 AM! #JoyOfLearning Subscribe at: www.GSI.in

Sunday, 27 July 2025

एक ओंकार की गूंज: गुरु नानक देव जी की आत्मिक यात्रा - साक्षी पाल

"नाम जपो, सेवा करो, मानवता की राह पर चलो"

Episode 19 को देखकर मुझे यह महसूस हुआ कि गुरु नानक देव जी सिर्फ एक धार्मिक गुरु नहीं थे, बल्कि वे मानवता, एकता और सच्चाई के प्रतीक थे। उन्होंने अपनी यात्राओं के माध्यम से न सिर्फ़ लोगों को ईश्वर के बारे में बताया, बल्कि समाज में फैले भेदभाव, अंधविश्वास और झूठे रिवाजों को भी चुनौती दी। इस एपिसोड में दिखाए गए ऐतिहासिक स्थल, जो आज पाकिस्तान में स्थित हैं, यह दर्शाते हैं कि भले ही समय बदल गया है, पर गुरु जी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है

"ना कोई हिन्दू, ना कोई मुस्लिम" — इस विचार के द्वारा उन्होंने धर्मों के बीच की दीवारें तोड़ी और इंसानियत को सबसे ऊपर रखा।

यह एपिसोड हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा धर्म वही है, जो प्रेम, सेवा और सच्चाई पर आधारित हो। गुरु जी ने सिखाया कि "ईश्वर मंदिर या मस्जिद में नहीं, बल्कि हर जीव में है।" आज की दुनिया में, जहाँ धर्म के नाम पर मतभेद और संघर्ष देखने को मिलते हैं, वहाँ गुरु नानक देव जी का Universal संदेश एक प्रकाशपुंज की तरह है।यह एपिसोड केवल इतिहास नहीं दिखाता, बल्कि आत्मा को भी छूता है। यह मात्र एक दृश्य यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा थी।

"वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह!"
"जहां एक ओंकार की गूंज हो, वहां नफ़रत की कोई जगह नहीं होती!"

– साक्षी पाल





विनम्रता की छाप: गुरु नानक जी की शिक्षाओं से जीवन का मार्ग - साक्षी खन्ना

 

"अच्छा प्रभाव", अर्थात विनम्रता की छाप, एक ऐसा विषय है जो सीधे हमारे हृदय और व्यवहार से जुड़ा है। इस एपिसोड को सुनकर यह स्पष्ट हो गया कि गुरु नानक देव जी की यात्राएँ केवल शारीरिक नहीं थीं, बल्कि वे आत्मा की यात्रा और मानवता के मार्गदर्शन का प्रतीक थीं। गुरु नानक देव जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा बल दिखावे में नहीं, बल्कि विनम्रता में होता है। जब इंसान अपने ज्ञान, पद या सफलता के कारण अहंकार में डूब जाता है, तब वह दूसरों से दूर हो जाता है। लेकिन जो व्यक्ति विनम्र होता है, वह सभी के दिलों में स्थान बना लेता है।

अमरदीप सिंह जी ने जब गुरु नानक जी के व्यवहार और उनके सच्चे प्रेम को साझा किया, तब मुझे यह समझ आया कि आज के समय में भी विनम्रता कितनी आवश्यक है। विनम्रता कोई कमजोरी नहीं, बल्कि यह एक ऐसा गुण है जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाता है। यह हमें सुनना सिखाती है, समझना सिखाती है और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाती है।

मेरे मन के विचार:

इस एपिसोड ने मुझे स्वयं के विचारों पर सोचने के लिए प्रेरित किया।
क्या मैं भी इतनी विनम्र हूं कि हर किसी को आदरपूर्वक सुन सकूं?
क्या मैं अपने शब्दों और कर्मों से दूसरों को सम्मान दे पाती हूं?
यह सत्र मेरे लिए एक आईने की तरह था, जिसमें मैंने खुद को देखा — और यह जाना कि मुझे स्वयं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ समय की सीमाओं से परे हैं।
आज भी यदि हम उनके बताए मार्ग — सेवा, विनम्रता और सच्चाई — पर चलें, तो हमारा जीवन न केवल सुंदर और शांतिपूर्ण, बल्कि सार्थक भी बन सकता है।

निष्कर्ष:

विनम्र प्रभाव केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। इसे अपनाकर हम समाज में प्रेम, सहिष्णुता और शांति का संचार कर सकते हैं। इस एपिसोड ने मेरे मन पर गहरी छाप छोड़ी — जो मुझे सदा याद दिलाएगी कि सच्चा इंसान वही है जिसमें विनम्रता हो।

"ईश्वर के सामने सब समान हैं — कोई ऊँचा-नीचा नहीं।"
इंसान को अपने अहंकार को त्यागकर विनम्र होना चाहिए।

"सेवा भाव से जीना — दूसरों की सेवा करना बिना किसी घमंड के — यही सच्ची भक्ति है।"

गुरु नानक देव जी ने बार-बार कहा कि —

ईश्वर के निकट वही पहुँच सकता है, जो अपने अहंकार को त्याग देता है।

— साक्षी खन्ना



संपूर्ण मानवता के गुरु: नानक की वाणी, नानक का प्रेम - Lalita pal

 

"He lit the flame of truth and grace, Guru Nanak showed the divine in every face."

यह एपिसोड गुरु नानक देव जी की यात्राओं के दौरान एक गहरे और प्रतीकात्मक अनुभव को दर्शाता है। यह न केवल ऐतिहासिक स्थलों को दिखाता है, बल्कि उन स्थलों में छिपे हुए आध्यात्मिक संदेशों को भी उजागर करता है।

गुरु नानक देव जी अपने उपदेशों में सदैव विनम्रता को प्राथमिकता देते थे। इस एपिसोड में दिखाया गया है कि कैसे उन्होंने कठोर और घमंडी लोगों को भी प्रेम और शांति के माध्यम से बदल दिया।

गुरु नानक जी ने संसार को यह बताया कि ईश्वर एक है और वह हर जीव में समाया हुआ है। उनके इस विचार ने धार्मिक भेदभाव को मिटाने का मार्ग दिखाया। उन्होंने अमीर–गरीब, ऊँच–नीच, स्त्री–पुरुष — सभी को समान माना। जब दुनिया जात-पात में उलझी हुई थी, तब गुरु नानक देव जी ने सबको एक ही प्रभु की संतान बताया।

इस एपिसोड को देखने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि गुरु नानक देव जी का जीवन और उनके संदेश आज की दुनिया में और भी अधिक प्रासंगिक हैं, जहाँ धर्म, भाषा और जाति के नाम पर भेदभाव बढ़ता जा रहा है।

गुरु नानक जी की विचारधारा हमें जोड़ने और प्रेम फैलाने की प्रेरणा देती है।

"नाम जपो, सच्चा पथ अपनाओ,
गुरु नानक जी की राह चलो, मोक्ष को पाओ।"

– ललिता पाल

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